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अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र ने 44वें “एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन” का किया उद्घाटन

jitendra अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र ने 44वें “एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन” का किया उद्घाटन

सिविल सेवकों व अधिकारियों के लिए आयोजित 44वें एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (APPPA) के उद्घाटन भाषण में डॉ. जितेन्द्र सिंह केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री “स्वतंत्र प्रभार” प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु  ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र ने 2 जुलाई को कहा कि संयुक्त सचिव स्तर की सीधी भर्ती से शासन संपन्न होगा।

 

jitendra अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र ने 44वें “एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन” का किया उद्घाटन

 

पिछले कुछ सप्ताहों में मीडिया के एक वर्ग में फैला भ्रम को दूर करते हुए कहा मंत्री ने कहा कि  सेवाओं में सीधी भर्ती पहले भी रही है। आपबको बता दें कि सरकार ने केवल इसे संस्थागत रूप देने व व्यवस्थित करने का प्रयास किया है।  ताकि प्रक्रिया उद्देश्यपूर्ण हो और सर्वश्रेष्ठ लोगों का चयन किया हो सके।

चयन प्रक्रिया, ज्ञान और कार्य कौशल की आवश्यकताओं पर पूरी तरह आधारित होगी। मंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐसी नियुक्तियां संविदा आधारित होंगी। और नियमित नहीं होंगी। इस कार्यक्रम का आयोजन “भारतीय लोक प्रशासन संस्थान” (आईआईपीए) द्वारा किया गया था।

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मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा चालू किए गए कुछ नये कार्यक्रमों के लिए विशिष्ट उद्यमिता की आवश्यकता है। सीधी भर्ती के माध्यम से इस उद्देश्य प्रभावपूर्ण तरीके से संपन्न होगा। मंत्री स्वतंत्र प्रभार ने कहा कि संयुक्त सचिव, उप-सचिव व निदेशक स्तर के कई पद खाली हैं।

अपने संबोधन के दौरान डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने कई नये और क्रांतिकारी निर्णय लिए हैं। 2014 में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने हमें अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार का मंत्र दिया था। जब हम पिछले चार सालों को देखते हैं तो लगता है कि हमने इस प्रतिज्ञा को काफी हद तक पूरा किया है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आजादी के 70 सालों में पहली बार सरकार ने नये कानून बनाने का श्रेय लेने की बजाए 1500 पुराने, अप्रचलित व अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त करने में संतुष्टि पाई है। इनमें से कुछ कानून ब्रिटिश राज के दौरान बनाए गए थे। जैसे कि दस्तावेज को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित करना।

आपको बता दें की आईआईपीए के चेयरमैन तथा कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री टी.एन. चतुर्वेदी, आईआईपीए के निदेशक डॉ. तिष्यारक्षित चटर्जी और कार्यक्रम के निदेशक प्रो. अशोक विशनदास ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

महेश कुमार यदुवंशी 

 

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