आगामी चुनाव को देखते हुए राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने अब जाति कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। सीएम वसुंधरा राजे ने घोषणा की है, कि अब राजस्थान में जातियों और समाजों के नाम पर सरकार भवन बनवाएगी।
राज्य सरकार देगी भवनों का 80 फीसदी रुपया
वहीं जातिगत आधार पर बनने वाले भवनों का 80 फीसदी पैसा राज्य सरकार देगी और 20 फीसदी पैसा जाति और समाज के संगठन लगाएंगे। सरकार के जातिगत आधार पर भवन बनाने के इस फैसले की किरकिरी होने से बचने के लिए सरकार ने एक गली निकाली है। उसमें शर्त रखा गया है कि ऐसे जातिगत सामाजिक संस्थाओं को यह शपथ पत्र देना होगा कि जो भी जाति के आधार पर सामुदायिक भवन बनेंगे उसमें दूसरे जातियों को भी इसका उपयोग करने दिया जाएगा।
जातिगत समाजों को राहत मिलेगी
वसुंधरा सरकार का कहना है कि इससे उन जातिगत समाजों को राहत मिलेगी जिनके पास अपना भवन बनाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। राजस्थान में जातिगत आधार पर समाजों को रियायती जमीन आवंटन करने की रवायत रही है। ऐसे में सरकार का कहना है कि जातिगत और सामाजिक आधार पर जमीन आवंटन तो हो जाते हैं। लेकिन कई बार समाज के पास भवन बनाने के लिए पैसा नहीं होता।
गौरतलब है कि पिछली बार अशोक गहलोत ने सरकार के आखिरी दिनों में जातिगत आधार पर समाजों को जमीन आवंटन करने की झड़ी लगा दी थी। हालांकि, सत्ता में आते ही बीजेपी ने उन सबको यह कहते हुए रोक दिया था कि वोटों के जुगाड़ में सरकार ने यह सारी कार्रवाई की है।