वाराणसी: क्या आपने सोचा है कि कचरा भी आपको पैसे दिला सकता है? वाराणसी में एक ऐसा बैंक है, जहां कचरे के बदले आपकी जेब में रुपये आ सकते हैं। पर्यावरण को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए अनोखा प्रयोग किया जा रहा है।
मलदहिया में है प्लास्टिक वेस्ट बैंक
काशी के मलदहिया में प्लास्टिक वेस्ट बैंक शहर को नई दिशा दे रहा है। यहां किसी भी तरह का प्लास्टिक कचरा देने पर इसके बदले कई फायदे मिलते हैं। पैसे के साथ-साथ, मास्क और कपड़े का झोला भी मिलता है। आसान भाषा में समझें तो आपको इस बैंक के द्वारा प्लास्टिक कचरे के बदले मास्क, बैग या पैसा दिया जाता है। कचरा ज्यादा होने पर वजन के हिसाब से रुपये मिलते हैं, वहीं मात्रा कम होने पर मास्क या कपड़े का थैला दिया जाता है।
ऐसे चलता है बैंक
एक किलो पॉलीथीन का कचरा देने पर 6 रुपये मिलते हैं, पीने के पानी की बोतल वाला प्लास्टिक 25 रुपये प्रति किलो में लिया जाता है। किचन में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक जैसे मग, बाल्टी, डिब्बा इत्यादि 10 रुपये प्रति किलो में बैंक लेता है। सारा सामान बैंक के उपभोक्ता या वालंटियर्स के द्वारा इकट्ठा किया जाता है।
प्लास्टिक के कचरे को बैंक द्वारा रिसाइकल करने के लिए भेज दिया जाता है, जहं इससे पाइप, पॉलिस्टर धागा जैसी चीजें बनाई जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में नया उत्पाद भी मिल जाता है और पर्यावरण की रक्षा भी हो जाती है। लोगों को कुछ रिटर्न में मिल जाता है, इसीलिए आम नागरिक भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहा है।
प्लास्टिक से होते हैं कई खतरे
प्लास्टिक का इस्तेमाल के बाद इधर-उधर फेंका जाना बहुत खतरनाक होता है। इससे जल और थल दोनों का जीवन बहुत प्रभावित होता है। केमिकल उत्सर्जन के साथ-साथ नदी और झील का जल भी खूब दूषित हो जाता है। इसका हमारे पर्यावरण और भविष्य के संसाधनों पर भी असर होता है।
कई तरह के होते हैं प्लास्टिक वेस्ट
प्लास्टिक वेस्ट की बात करें तो यह कई रूपों में पाया जाता है। जिनमें प्रमुख रूप से PET, HDPE, PVC, LDPE, PP आदि पाए जाते हैं। PET पेय पदार्थ की बोतल, खाने के कंटेनर आदि में पाया जाता है। वहीं HDPE दूध-दही के जग, सफाई उत्पाद के कंटेनर, बॉडी वॉश की बोतल में पाया जाता है।
PVC एटीएम कार्ड, फूड रैप, प्लंबिंग पाइप आदि में होता है। जबकि LDPE घरेलू प्लास्टिक रैप, पिचकने वाली बोतल जैसे उत्पादों में होता है। प्लास्टिक किसी भी रूप में हो, यह हमारे लिए बहुत खतरनाक होता है। इसीलिए कई अन्य उत्पाद इनके स्थान पर इस्तेमाल में लाए जाने लगे हैं।