नई दिल्ली। होली के त्योहार को गए आज 7 दिन हो गए। साथ ही रंग पंचमी भी खत्म हो गई है। अब आती है शीतला सप्तमी और अष्टमी। इसमें महिलाए मां शीतला का व्रत रखती है और पूजा-पाठ करती है। यह सप्तमी होली के 7 दिन बाद होती है। साथ ही चैत्र मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन शीतला अष्टमी का व्रत पड़ता है। इस बार यह अष्टमी आज यानी 20 मार्च को है।
आज के दिन शीतला मां को गर्म खाने का नहीं बल्की ठंडे और बासी खाने का भोग लगाया जाता है। साथ ही यह व्रत एक दिन पहले शुरु हो जाता है। यानी यह व्रत 19 की रात से शुरु हो गया है और अब आपको बताते है की आखिर शीतला मां को बासी खाने का भोग क्यों लगाया जाता है।
बासी खाने के भोग लगाने का कारण
शीतला मां को बासी खाने का भोग लगाने के पीछे एक पौराणिक गाथा है। इसके अनुसार एक बार एक गांव में लोग शीतला माता की पूजा-अर्चना कर रहे थे। उस वक्त उन लोगों ने गर्म भोजन माता को प्रसाद के रुप में चढ़ा दिया। शीतला माता शीतलता का प्रतीक है और गर्म खाना खाने से माता का मुह जल गया। इस पर क्रोधित हो कर माता ने पूरे गांव को आग लगा दी और इस आग में सबके घर जल गए लेकिन एक बूढ़ी औरत का घर सुरक्षित रह गया।
सारे गांव वाले उस बूढ़ी औरत के पास गए और उससे पूछा की उसका घर क्यों नहीं जला। इस पर उसने बताया की उसने रात में भोजन बना कर रख लिया था और मां को भोग के रूप में वहीं भोजन खिलाया ता। इस वजह से मां ने उसका घर जलने से बचा लिआ।