आज से नवरात्र पर्व की शुरुआत हो गई है। धर्मनगरी हरिद्वार के चंडी देवी, माया देवी और मनसा देवी समेत तमाम मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। नील पर्वत पर स्थित माँ चंडी देवी के मंदिर में नवरात्र के दिनों में अलग ही छठा देखने को मिलती है। दूर दूर से श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर माँ चंडी के दर्शन करने हरिद्वार आते है और माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते है।
बता दें कि हरिद्वार के नील पर्वत पर मां चंडी देवी खंभ के रूप में विराजमान है। मान्यता है कि प्राचीन काल में जब पृथ्वी लोक से लेकर देवलोक तक शुंभ निशुंभ राक्षसों का अत्याचार बढ़ गया था तब देवी देवताओं के आवाहन पर मां भगवती ने चंडी का रूप धारण किया और दोनों राक्षसों का वध करके उनके अत्याचार से मुक्ति दिलाई। उसके बाद भक्तों के कल्याण के लिए माँ चंडी देवी हरिद्वार में नील पर्वत पर खम्ब के रूप में विराजमान हो गई। तब से लेकर आज तक मां अपने भक्तों की मुराद पूरी कर अपने भक्तों का कल्याण करती आ रही है।
वहीं वैसे तो साल भर चंडी देवी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्र के दिनों में मंदिर में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। आज सुबह से ही दूर दूर से आने वाले श्रद्धालु माँ के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है। अपनी मन्नत को पूरी करने के लिए मंदिर में मन्नत का धागा बांधने की प्रथा है। पहाड़ी पर स्थित माँ के मंदिर जाने के लिए पैदल मार्ग के साथ ही रोपवे का इस्तेमाल भी किया जाता है। प्रथम नवरात्र के दिन बाहर से आये श्रद्धालु माँ के दर्शन कर बहुत ही उत्साहित दिखाई दिए।