अमृतसर। क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी छोड़ दी है और वह पार्टी में वापस नहीं लौटेंगे। सिद्धू ने सोमवार को राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। अमृतसर से भाजपा विधायक और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार में प्रमुख संसदीय सचिव (सीपीएस ) नवजोत कौर ने कहा कि सिद्धू ने राज्यसभा छोड़ दी है, इसका अर्थ यह है कि उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी है।
उन्होंने कहा कि सिद्धू ने इसलिए इस्तीफा दिया है क्योंकि वह पंजाब की सेवा करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सिद्धू को मनाने के लिए इस साल अप्रैल में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। नवजोत कौर ने कहा कि उन्होंने (कौर ने) अभी तक पार्टी या सीपीएस के पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वह अपना फैसला उस वक्त बताएंगी जब सिद्धू अपने इस्तीफे और भविष्य की योजनाओं का खुलासा करेंगे।
नवजोत कौर ने कहा, “वह (सिद्धू) आगामी दिनों में तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है।”
उन्होंने कहा, “उनका (सिद्धू का) दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट था कि वह पंजाब की सेवा करना चाहते हैं..पार्टी (भाजपा) इस बात पर स्पष्ट थी कि वह केवल अकाली दल के साथ काम करना चाहती है। इसलिए उनके पास केवल यही (राज्यसभा छोड़ने का) विकल्प बचा था।”
सिद्धू के आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने के बारे में उन्होंने कहा, “वह इस पर फैसला करेंगे।”
सिद्धू दंपति अकाली दल, खासतौर पर सत्तारूढ़ बादल परिवार के आलोचक रहे हैं। सिद्धू को 2014 के अप्रैल-मई के आम चुनाव के दौरान अमृतसर संसदीय सीट के लिए लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया था। भाजपा ने उनकी जगह वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली को मैदान में उतारा था। नाराज सिद्धू ने जेटली के लिए चुनाव प्रचार में एक दिन भी हिस्सा नहीं लिया था।
जेटली कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से एक लाख से भी अधिक वोटों से हार गए थे।
(आईएएनएस)