नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को तब हंगामे वाला दृश्य उत्पन्न हो गया जब कांग्रेस के सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर कांग्रेस के नेतृत्ववाली उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों राज्यों में जो राजनीतिक गतिविधियां हुईं, वे कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संकट की वजह से हुईं। उन्होंने कांग्रेस की तुलना छेद वाली नाव से की।
शून्यकाल के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के संदर्भ में इस मुद्दे को उठाते हुए खड़गे ने आरोप लगाया कि गैर भाजपा सरकारों को अस्थिर करना नरेंद्र मोदी सरकार की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश इन लोगों के लिए एक सबक के रूप में होना चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार सहित भाजपा के कई सांसदों ने इस पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि खड़गे द्वारा की गई कुछ टिप्पणियां सदन की कार्यवाही से हटाई जानी चाहिए।
खड़गे ने यह भी कहा कि उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की तरह भाजपा हिमाचल प्रदेश और मणिपुर की सरकारों को भी गिराने की कोशिश कर चुकी है। इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस आरोप से इनकार किया कि भाजपा, कांग्रेस शासित राज्य सरकारों को गिराने की कोशिश कर रही है।
सिंह ने कहा कि हम पर आरोप लगाने की जगह उन्हें जानना चाहिए कि आजादी के बाद से ही यदि कोई पार्टी राज्य सरकारों को गिराने के लिए एकमात्र जिम्मेदार है तो वह कांग्रेस है। आजादी के समय से ही कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकारों को गिराया है और यह 105 बार राष्ट्रपति शासन लगा चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था और ऐसा होना ‘स्वस्थ लोकतंत्र’ के लिए अच्छा नहीं है।
सिंह ने जोर देकर कहा कि इन दोनों राज्यों में जो कुछ हुआ, वह सब कांग्रेस के अंदरूनी संकट की वजह से हुआ।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम लोगों का उससे कोई लेना-देना नहीं था। उत्तराखंड संकट तभी शुरू हुआ था जब कांग्रेस के नौ विधायक विधानसभा में खड़े हुए और कहा कि वे अपनी ही सरकार का विरोध करते हैं।
इसी तरह से अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लगभग दो तिहाई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और नई सरकार गठित करने के लिए एक नया गुट बना लिया। सिंह ने कांग्रेस पार्टी की तुलना उस नाव से की जिसमें छेद है। उन्होंने कहा, जिस नाव में छेद है..उसका डूबना तय है। ऐसी स्थिति में नाव डूबने के लिए पानी को दोषी ठहराना व्यर्थ है।
(आईएएनएस)