हरदोई। यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था योगी सरकार के प्रदेश की सत्ता में आने के बाद भी जस की तस ही नजर आ रही है। मरीज़ों के लेटने के लिए पर्याप्त बेड अस्पतालों में मौजूद नहीं हैं। डॉक्टरों की दबंगई और धनउगाही से मरीज़ त्रस्त हो चुके हैं। मगर ऐसा लगता है की इन पीड़ितों के दर्द की आवाज़ और चिकित्सा विभाग की लचर व्यवस्था किसी को सुनाई और दिखाई नहीं दे रही है।
ऐसा ही एक मामला हरदोई के जिला अस्पताल में देखने को मिला, जहाँ छत से गिरने पर एक घायल मरीज़ को आपातकालीन वार्ड में लेटने के लिए स्ट्रेचर ही नहीं मुहैया हो पाया और वो भीषण गर्मी में ज़मीन पर ही लेटने को मजबूर हो गया।
एक तरफ सरकार सरकारी अस्पतालों के आपातकालीन वार्ड में 24*7 की सुविधा प्रदान करने के दावे कर रही है तो दूसरी तरफ हरदोई के जिला अस्पताल का नज़ारा कुछ और ही है। स्ट्रेचर खाली पड़े होने के बाद भी एक मरीज़ घंटों तक झुलसा देने वाली गर्मी में तपती हुई ज़मीन पर लेटा रहता है, मगर किसी भी कर्मचारी व डॉक्टर की निगाहें उस के ऊपर नहीं पड़ती।
इस पूरे प्रकरण में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भारत ख़बर ने फोन पर बात करनी चाही तो वे लापरवाह डॉक्टर की हरकतों पर पर्दा डालते नज़र आए और पूरे प्रकरण की लीपापोती में लग गए। साथ ही कैमेरे का सामना करने से इंकार करते हुए उन्होंने व्यस्त होने का बहाना बनाया। अब देखना ये है की योगी सरकार में इस लचर स्वास्थ्य प्रणाली की स्थिति इसी तरह बनी रहेगी या इसमें बदलाव आएगा।
आशीष सिंह