लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, पार्टियां जनता का विश्वास जीतने के प्रयास में लगी है, पर दूसरी तरफ सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी के लिए समस्याओं का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है। सोमवार को यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को पार्टी ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपो के चलते बर्खास्त कर दिया। इस सिलसिले में राज्यपाल राम नाईक को सीएम ने पत्र भेजकर सूचित किया। आपको बता दें खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप पिछले काफी समय से लगते रहे हैं।
प्रदेश में कम समय में ही लंबी छलांग लगाने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति कैबिनेट मंत्री के रूप में भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्रालय संभाल रहे थे।
साल 2002 में विधायक का चुनाव लड़ने के दौरान प्रजापति ने अपने चुनावी हलफनामे में कुल 91,436 रुपए बताई थी। 2012 के विधानसभा चुनाव के लिए भरे पर्चे के साथ लगे हलफनामे में गायत्री ने अपनी कुल संपत्ति 3 लाख 71 हजार 720 रुपए बताई थी। कहा जा रहा है कि उनकी संपत्ति अब बढकर दो लाख बाहर हजार करोड़ रुपए हो गई है। आज उनके पास कई बंगले, गाड़ी, फॉर्म हाउस सहित सैकड़ों करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। इनकी लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास के बगल में सरोजनी नायडू मार्ग पर आलीशान कोठी है इसे कोई राजनीति का मुद्दा बनाने को तैयार नहीं है।
पार्टी के मंत्री पर लगे इस प्रकार के आरोप ने विपक्षी दलों को सवाल उठाने की वजह दे दी है। भाजपा और कांग्रेस ने इस प्रकार से लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर निशाना साधते हुए सपा के पतन का समय बताया है।आपको बता दें कि पार्टी ने अपनी छवि को बरकरार रखने के लिए आनन फानन में गायत्री प्रसाद प्रजापति को बर्खाश्त किया है। गायत्री प्रसाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों मे से रहे है।
(अकील सिद्दीकी, संवाददाता)