पनामा पेपर लीक मामले में ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट आने के बाद पाकिस्तान का राजनीतिक माहौल काफी गर्मा रखा है। संबंधित मामले में पीएम नवाज शरीफ के बेटे का नाम सामने आने के बाद अब उनकी भी मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। इस मामले में जेआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतिम रिपोर्ट जमा कर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ से पूछताछ के दौरान पाक पीएम ने बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया है। जेआईटी टीम से पूछताछ के दौरान उनका रवैया खराब और टालमटोल वाला ही रहा है।
वही पाकिस्तान के राजनीतिक हालात को मद्देनजर रखते हुए नवाज शरीफ के छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ का नाम सामने आ रहा है। शहबाज शरीफ की संभावना को बढ़ता देख पार्टी और परिवार के अंदर काफी सावधानी से अगला कदम रखा जा रहा है। जांच समिति ने शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल जेआईटी ने शरीफ परिवार के व्यापारिक लेनदेन की जांच की और अपनी 10 खंडों वाली रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी। उसने सिफारिश की है, शरीफ और उनके बेटे हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ-साथ उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो एनएबी अध्यादेश, 1999 के तहत भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
शरीफ ने अपने खिलाफ उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट के कानूनी और राजनैतिक नतीजों से निपटने के लिए एक नीति बनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और वफादारों के साथ सलाहमशविरा किया। शरीफ ने अपने छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ को लाहौर से बुलाया। शरीफ जेआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कानूनी और राजनैतिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनकी अब उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर है, जो दलीलों पर सुनवाई करेगी और भावी कार्रवाई पर फैसला करेगी।