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यूपी में चल रहा सीरो सर्वे,जानिए आखिर क्यों है इसकी जरूरत

सीरो सर्वे यूपी में चल रहा सीरो सर्वे,जानिए आखिर क्यों है इसकी जरूरत

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बीते शुक्रवार को पूरे प्रदेश में सीरो सर्वे शुरू किया है।
आखिर सीरो सर्वे क्या है और इसकी जरूरत क्यों हैं। यह इसलिए जरूरी बताया जा रहे है ताकि आने वाले समय में कोरोना की लहर से बचने के लिए स्वास्थ्य महकमा मजबूत रणनीत बना सके।

सीरो सर्वे में यह देखा जाता है कि अलग अलग वर्ग और परिस्थितियों के लोगों में कितनी एंटीबॉडी बनी है। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में शुक्रवार को सीरो सर्वे की शुरुआत हुयी थी। राजधानी में आज इस सर्वे का तीसरा व आखिरी दिन है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर शुक्रवार से सैंपलिंग शुरू कर दी गई। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में सीरो सर्वे 6 जून तक चलेगा। जून के अंत तक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग सीरो सर्वे की रिपोर्ट राज्‍य सरकार को देगा।

बीते शनिवार को राजधानी के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में लोगों के खून का नमूना लिया गया। ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो काकोरी,मलिहाबाद तथा गोसाईगंज क्षेत्र शामिल रहा,वहीं शहरी क्षेत्र में नजीराबाद,जगदीश चन्द्र बोस वार्ड,दौलतगंज तथा ऐशबाग क्षेत्र में लोगों के खून का सैंपल लिया गया।

सीरो सर्वे के दौरान प्रदेश के अलग अलग इलाकों से लोगों के ब्लड का सैंपल लिया जा रहा है। सीरो सर्वे तीन स्‍तरों पर किया जा रहा है। सर्वे में कोविड संक्रमित हुए लोगों के ब्‍लड सैंपल के साथ ही शहरी इलाकों के कुछ सामान्‍य लोग और ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को शामिल किया गया है।

सर्वे के दौरान आयु और लिंग के आधार पर भी सैंपलों की रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है। सीरो सर्वे में अलग अलग परिस्थितियों में रह रहे प्रदेश के लोगों के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी के स्‍तर का पता लगाया जा रहा है। इस सर्वे से यह भी पता लगाया जाएगा कि प्रदेश की कितनी आबादी कोरोना से संक्रमित है।

इस तरह होता है सर्वे

सीरो सर्वे के लिए जगह निर्धारित कर रेंडम जांच की जाती है,जिस शख्स का ब्लड सैंपल लिया जाता है,उसे भी पहले से यह जानकारी नहीं होती है। यह जानकारी राजधानी के एसीएमओ डा मिलिन्द ने भारत खबर संवाददाता से बातचीत के दौरान बताई है। उन्होंने कहा कि जिस शख्स का सैंपल लिया जाता है,उसका एक साक्षात्कार होता है,उसमें उस शख्स से दस-बारह सवाल पूंछे जाते हैं। इसकी पूरी फीडिंग एक ऐप के माध्यम से तत्काल ऑनलाइन भरी जाती है। सैंपल कलेक्शन के बाद उसे निर्धारित सीएचसी पर भेजा जाता है, वहां पर सैंपल को सेंट्रीफ्यूज करने के बाद केजीएमयू के लैब में जांच के लिए भेज दिया जाता हैं। बताया जा रहा है कि सेंट्रीफ्यूज वह प्रक्रिया है,जिसके तहत खून और सीरम अलग-अलग हो जाता है।

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