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तीन तलाक पर सुनवाई का दूसरा दिन, जानिए पहले दिन किस पक्ष ने क्या कहा

Molestation case the Supreme Court upheld the conviction of former Haryana DGP तीन तलाक पर सुनवाई का दूसरा दिन, जानिए पहले दिन किस पक्ष ने क्या कहा

नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं के लिए एक सजा बनता जा रहा तीन तलाक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का शुक्रवार को दूसरा दिन है। ग्रीष्मकाल की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट 6 दिन तक लगातार इस मामले पर सुनवाई करके ये जानने की कोशिश करेगा कि आखिरकार ये इस्लाम का मूल हिस्सा है या नहीं? गुरूवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर तीन तलाक इस्लाम का मूल हिस्सा हुआ तो वो इस मामले में दखल नहीं देगा।

suprem corut तीन तलाक पर सुनवाई का दूसरा दिन, जानिए पहले दिन किस पक्ष ने क्या कहा

गुरूवार को क्या-क्या हुआ….

-पहले कोर्ट में तीन तलाक, हलाला निकाह और बहुविवाह जैसे मुद्दे पर भी चर्चा करनी थी लेकिन सुनवाई में कोर्ट ने साफ किया कि वो मुस्लिमों में हो रहे बहु-विवाह मामले पर सुनवाई नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा कि वो सिर्फ इस बात की सुनवाई करेगा कि आखिरकार तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के धर्म की स्वतंत्रता के तहत आता है या नहीं।

-अमित सिंह चड्ढा, सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक से जुड़ी पहली पिटीशन दायर करने वाली शायरा बानो के वकील: (दलीलों की शुरुआत करते हुए कहा) तीन तलाक का जो चलन मुस्लिमों में है वो इस्लाम की बुनियाद से नहीं जुड़ा है। वकील ने दलील देते हुए कहा कि पाकिस्तान-बांग्लादेश में भी ऐसा नहीं होता इसलिए इस रिवाज पर पूर्ण विराम लगाया जाना चाहिए।

-पिंकी आनंद, केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सरकार पिटीशनर्स की इस दलील का सपोर्ट करती है कि तीन तलाक असंवैधानिक है। दुनिया के कई देश इसे खत्म कर चुके हैं और इसे भारत में भी खत्म किया जाना चाहिए।

-कोर्ट का सहयोग कर रहे सलमान खुर्शीद ने कहा कि केवल तलाक कहने के तुरंत बाद से तलाक नहीं हो जाता है। दोनों पक्षों के लोग समझौते की कोशिश करेंगे और अगर वह असफल रहता है तब काजी को सूचित किया जाता है। तलाक कहने के बाद भी एक प्रक्रिया होती है जिसका पालन करना होता है। अगर तलाक कहने के तीन महीने के बाद उसे वापस नहीं लिया जाता है तब ये तलाक मान्य होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने खुर्शीद से पूछा कि क्या तीन बार तलाक कहने के बाद समझौते का कानून है तो खुर्शीद ने कहा कि नहीं। सुप्रीम कोर्ट ये भी जानना चाहता था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ क्या है। इसका मतलब शरीयत या कुछ और है।

-कोर्ट : हम इस मसले पर अलग-अलग इस्लामिक देशों में मौजूद कानून पर गौर करना चाहेंगे।

-कोर्ट में कपिल सिब्बल, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील ने दलीले देते हुए कहा कि कोई भी समझदार मुस्लिम किसी भी दिन उठकर सीधे तलाक-तलाक-तलाक नहीं कहता। यह कोई मुद्दा ही नहीं है।

-कोर्ट : अगर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि तीन तलाक मजहब से जुड़ा बुनियादी हक है तो हम उसकी कॉन्स्टिट्यूशनल वैलिडिटी पर सवाल नहीं उठाएंगे। एक बार में तीन तलाक बोलने के मामले में सुनवाई होगी, लेकिन तीन महीने के अंतराल पर बोले गए तलाक पर विचार नहीं किया जाएगा।

ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड ने किया समर्थन

ऑल इंडिया शिया लॉ बोर्ड का कहना है कि भारत में तीन तलाक पर बैन लगना चाहिए। बोर्ड ने इस बात पर सहमति जताई कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनना चाहिए। इसके साथ ही बोर्ड का कहना है कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए एक अलग से कमेटी बनाई जानी चाहिए ताकि शोषण को खत्म किया जा सकें।

हम खुद ही खत्म कर देंगे तीन तलाकः मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

तीन तलाक पर जारी बवाल को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सईद सादिक ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसे 18 महीनों के अंदर इसे खत्म कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने इम मसले पर सरकार के दखल अंदाजी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में बाहर के दखल की जरूरत नहीं है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कर रहा है विरोध

तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि तीन तलाक को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामें में यह बात कही है। हलफनामें में कहा गया है कि अगर इसे खत्म किया गया तो मर्द अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए उसे जलाकर मार सकता है या फिर उसका कत्ल कर सकता है।

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