वैज्ञानिकों के मुताबिक ऑक्टोपस को खतरनाक खाना कहा गया है। इसके बाद भी इंसान इसको जिंदा ही खा जाता है। लेकिन आपको बता दे कि डॉल्फिन को जब खाने के लिये ऑक्टोपस मिलता है तो वे डॉल्फिन यह जोखिम इसलिए उठाती हैं।
क्योंकि वो इसे पकाकर नहीं खा सकतीं। लेकिन इंसान इसे पकाकार खा सकता है। इसके बावजूद भी इंसान ऑक्टोपस को जिंदा ही खा लेता है।
लेकिन वहीं डॉल्फिन इसे मारकर खाती है। ऑस्ट्रेलिया में मर्डोक विश्वविद्यालय के केट स्प्रोगिस का कहना है कि ऑक्टोपस एक खतरनाक खाना है।
अगर डॉल्फिन ऑक्टोपस का सिर अलग कर दें तब भी वो अपनी खतरनाक भुजाओं से नुकसान पहुंचा सकता है। ऑक्टोपस के ‘चूसने वाले’ हाथों से बचना बहुत ही मुश्किल माना जाता है।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तट पर रहने वाली भूखी डॉल्फिन के एक झुंड ने इसका रास्ता खोज लिया है। डॉल्फिन अपने शिकार को तब तक हिलाती और उछालती हैं जब तक उसका सिर अलग न हो जाए और उसकी बाहें हिलना बंद न हो जाए।
डॉल्फिन पहले ऐसा नहीं करती थीं, मार्च 2007 और अगस्त 2013 के बीच पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पानी में रहने वाली बॉटलनोज़ डॉल्फिन में यह देखने को मिला। बता दें कि शोधकर्ताओं ने ऐसी 33 घटनाएं देखीं जब डॉल्फिन ने एक ऑक्टोपस का शिकार किया
ऑक्टोपस का करती है दो तरीके से शिकार
आपको बता दें कि डॉल्फिन दो तरीके से अपना शिकार तय करती है। पहले तरीके में वो न ऑक्टोपस को अपने मुंह में दबाती है और उसे जोर-जोर से हिलाना शुरू कर देती है।
जब तक ऑक्टोपस के टुकड़े-टुकड़े नहीं हो जाते। दूसरे तरीके में डॉल्फिन ऑक्टोपस को बार-बार हवा में उछालती रहती है जब तक वो खाने लायक ना हो जाये।