पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। मेरठ में मीट फैक्ट्री के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी है।
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26 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। तब तक के लिए फैक्ट्री के ध्वस्तीकरण पर रोक लग गई है। वहीं हाजी याकूब कुरैशी के साथ ही उनकी पत्नी संजीदा बेगम और बेटों इमरान और फ़िरोज़ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। हाजी याकूब कुरैशी और परिवार के अन्य सदस्यों ने एफआईआर रद्द किये जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की थी।
इस मामले में सुनवाई करने वाले जज ने खुद को सुनवाई से अलग रखा। जज के खुद को सुनवाई से अलग करने की वजह से सुनवाई टल गई। वहीं बेंच ने मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया है। चीफ जस्टिस की ओर से नामित नई बेंच मामले में सुनवाई करेगी। हालांकि इस मामले में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके परिवार को राहत न मिलने से गिरफ्तारी की तलवार अभी भी लटक रही है।
बता दें कि मेरठ विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री मेसर्स अल हसन मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड को 31 मार्च को सील कर दिया था और ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था। जिसके तहत 15 दिन में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होनी थी। इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की कंपनी ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई थी।