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SC ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिये आवास सुविधा को किया समाप्त, खाली करने होंगे बंगले

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लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिये आवास सुविधा को समाप्त कर दिया है। जिसके बाद अखिलेश सहित सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी अावास खाली करने होंगे। इसके पहले भी एक बार सुप्रीमकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास का नियम रद कर दिया था लेकिन तब यूपी की तत्कालीन अखिलेश सरकार नया कानून ले अाई थी। लेकिन एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास सुविधा से वंचित कर दिया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के कानून को अमान्य घोषित किया।

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बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़े-बड़े बंगले बांटे जाने का है। यहां फिलहाल छह पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास हजरतगंज के पॉश इलाके में कई-कई एकड़ में बने बड़े-बड़े सरकारी बंगले हैं। इन बंगलों पर इनको जीवन भर रहने का अधिकार दिया गया है। इसी अधिकार को गैरकानूनी मानते हुए ‘लोक प्रहरी’ नामक एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2017 में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी खर्च पर इस तरह के बंगले देना गैरकानूनी है। इस पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में उसका पक्ष जानना चाहा था।

बता दें कि वीर बहादुर सिंह, रामनरेश यादव, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह, मायावती, मुलायम सिंह, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव 1997 में हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया जिसके बाद वीपी सिंह, कमलापति त्रिपाठी, हेमवतीनंदन बहुगुणा और श्रीपति मिश्रा के आवास तो खाली हो गए मगर मायावती की गठबंधन सरकार ने ‘एक्स चीफ मिनिस्टर्स रेजिडेंस अलाटमेंट रूल्स 1997’ बना कर एक बार फिर बंगलों पर कब्जा जमाये रखने का इंतजाम कर दिया। इसी के बाद मायावती के लिए माल एवेन्यू में एक भव्य बंगले का इंतजाम किया गया।

वहीं बसपा और सपा में तो इसी बात की होड़ ही रही कि कौन अपना बंगला ज्यादा बड़ा और भव्य बनवा सकता है। मायावती के हर कार्यकाल के बाद उनका बंगला नए सिरे से संवारा गया। मुलायम सिंह यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में विक्रमादित्य मार्ग के दो बंगलों को एक करवा लिया। उनके पुत्र अखिलेश इस मामले में उनसे भी आगे रहे। अपने कार्यकाल में ज्यादातर समय तक वे पांच कालीदास मार्ग पर अपने पिता के साथ रहते रहे। मगर कार्यकाल पूरा होने के पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास के तौर पर अपने लिए एक बहुत बड़ा बंगला ढूंढ़ लिया। जिसके मेंटीनेंस में करोड़ों खर्च किये गये।

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