नई दिल्ली। जहरीले धुंध की मार झेल रही दिल्ली के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने आज स्मॉग से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए बड़ा ऐलान किया है..जिसके तहत दिल्ली एनसीआर में पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके साथ ही अगले आदेश तक सभी पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए है। ये रोक अगले आने वाले आदेश तक जारी रहेगी। कोर्ट ने इस मामले में आदेश देते हुए सेन्ट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से इस बात की जानकारी मांगी है कि पटाखा बनाने में किन सामग्रियों का इस्तेमाल होता है जिसकी रिपोर्ट उसे 3 महीने के अंदर कोर्ट में देनी होगी।
पिछले कई दिनों से प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्ली के लोगों के लिए ये खबर एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। वैसे तो कोर्ट का किसी याचिका पर सुनवाई करना कोई नई बात नहीं है। लेकिन ये याचिका किसी वयस्क व्यक्ति ने नहीं बल्कि इस जहरीरी धुंध में सासं ले रहे तीन बच्चों ने की थी जिनकी उम्र 6 से 14 साल बताई जा रही है। इन छोटे बच्चों ने साफ हवा में सासं लेने के अधिकार के तहते ये याचिका दाखिल कराई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया।
दरअसल दीवाली के बाद से ही दिल्ली एनसीआर में काले धुंध की परछाई देखी जा रही थी। जिसकी वजह से आम आदमी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कहीं लोग एंटी पोल्यूशन मास्क लगाते हुए दिखाई दिए तो कहीं लोग आंखों में धुंध लगने की शिकायत करते। ये धुंध इतनी खतरनाक थी कि दिन पर दिन विजिबिलिटी भी कम होने लगी और दोपहर में ऐसा लगता था मानो जैसे काली रात छा गई हो। नवंबर महीने के शुरुआती दिनों में विजिबिलिटी गिरकर 200 मीटर ही रह गई जिसके चलते दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में 1800 सरकारी स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया।
लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से इतना तो साफतौर पर कहा जा सकता है कि अब लोग खुली हवा में सांस ले सकेंगे…और प्रदूषण से उन्हें दो-चार नहीं करना पड़ेगा।