कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को मुसीबत मे डाल दिया है। लॉकडाउन के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर इंसान की जान से ज्यादा काले बादल टकरा रहे हैं। इसका असर आने वाले समय में भूखमरी के तौर पर देखने को मिलेगा।
इस बीच दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिने जाने वाले सउदी अरब ने एक ऐसा फैसला ले लिया है। जो प्रवासी भारत वासियों जीते जी मार देगा।
सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदान ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से अर्थव्यवस्था पर जो चोट पहुंची है उससे निपटने के लिए कड़े और तकलीफ़देह फ़ैसले लिए जाएंगे।
सऊदी अरब अब प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को सैलरी में 40 फीसदी तक की कटौती करने की इजाजत देने जा रहा है। अरब के प्रमुख अखबार अशराक अल अवसात की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक संकट को देखते हुए सऊदी अरब में काम कर रहे लोगों के कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म किए जा सकते हैं। सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय रहते हैं और इस फैसले का उन पर भी बेहद बुरा असर पड़ेगा।
नए नियमों के तहत, कोरोना वायरस की महामारी के 6 महीने बाद कंपनियों को एंप्लायी के कॉन्ट्रैक्ट को भी रद्द करने का भी हक होगा।
हालांकि, एंप्लायर्स कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का फैसला जल्दबाजी में ना उठाएं, इसके लिए उन्हें सरकारी सब्सिडी जैसे मजदूरों के वेतनभत्ते में मदद या सरकारी शुल्क से छूट मिलनी जारी रहेगी. कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के लिए तीन शर्तें भी रखी गई हैं।
आपको बता दें भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है। जहां के लोग विदेशो में रहकर भारत सबसे ज्यादा पैसे भेजते हैं।
सउदी के इस फैसले से वाकई में भारत के साथ-साथ भीरतीयों को भी बड़ा झटका लगेगा।
आपको बता दें,दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ऐतिहासिक रूप से तेल की कम क़ीमतों से जूझ रहा है।
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सऊदी अरब के केंद्रीय बैंक में विदेशी मुद्रा भंडार मार्च महीने में पिछले 20 सालों में सबसे तेजी से गिरा है।जिसकी वजह से अब सउदी अरब को इस तरह के कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं। सउदी का मानना है कि, कोरोना वायरस के चलते हुए उसे ये बड़े फैसले लेने पड़ेंगे।