नई दिल्ली। कहते हैं कि अगर किसी भी चीज की शुरूआत गणेश जी से हो तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। जी हां.. और इसलिए इस महीनें की शुरूआत गणेश जी के आशीर्वाद से होने वाली है। हर महीने में दो बार गणेश चतुर्थी पड़ती है। और आषाढ़ कृष्ण पक्ष की गणेश चतुर्थी 1 जुलाई 2018 (रविवार) को है। कहा जाता है कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता होते हैं और साथ ही प्रथम पूज्य देव के रूप में जाना जाता है। इसलिए किसी भी पूजा से पहले सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। 1जुलाई यानि की रविवार को गणेश चतुर्थी है जिसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। कहते हैं आज के दिन अगर भगवान गणेश जी की पूजा पूरे विधी विधान से की जाए तो गणेश जी उसकी सारी मनोकामना को पूरा करते हैं।
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- चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- श्रीगणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।
- तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें।
- फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्रीगणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।
- गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्रीगणेश की आराधना करें।
- श्री गणेश को तिल से बनी वस्तुओं, तिल-गुड़ के लड्डू तथा मोदक का भोग लगाएं। ‘ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है।’
- सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं।
- तत्पश्चात गणेशजी की आरती करें।
- विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र ‘ॐ गणेशाय नम:’ अथवा ‘ॐ गं गणपतये नम: की एक माला (यानी 108 बार गणेश मंत्र का) जाप अवश्य करें।
- इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें। तिल-गुड़ के लड्डू, कंबल या कपडे़ आदि का दान करें।