राममंदिर पर शिवसेना के नेता संजय राउत का बयान कहा हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी तो कानून बनाने में कितना वक्त लगता है।राउत ने कहा कि राष्ट्रपति भवन से लेकर यूपी तक भाजपा की सरकार है। उन्होंने कहा राज्यसभा में ऐसे बहुत से सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े हैं। राउत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो राममंदिर के निर्माण का विरोध करेगा देश में उसका घूमना मुश्किल होगा।
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बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर कानून बनाने के लिए शिवसेना लगातार सरकार पर दबाव बना रही है।शिवसेना शुक्रवार को भी अध्यादेश लाने और तारीख की घोषणा करने का ऐलान किया था। सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय के माध्यम से कहा है कि “सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए। जिन्होंने रामजन्मभूमि में बाबर राज को खत्म कर दिया। शिवसेना ने अपने संपादकीय में लिखा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है।
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शिवसेना प्रमुख उद्धव ने राम मंदिर निर्माण की मांग के संबंध में 25 नवंबर को अयोध्या करने का निर्णय लिया है। शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है कि हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं। “चलो अयोध्या” के नारे के संबंध में शिवसेना ने दावा किया कि उसने ये नारा नहीं दिया है। उन्होंने लिखा कि “अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है,शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं। संपादकीय में लिखा गया है कि अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है।
वीएचपी और बजरंग दल समेत कई संगठन पहुंचेंगे अयोध्या
वर्ष 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था। फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं। अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी। आपको बता दें कि 25 नवंबर को अयोध्या में ‘धर्मसभा’ आयोजित होनी हैं धर्मसभा का आयोजन संतों की अपील वपर हो रहा है। सभा में कई हिंदूवादी संगठन भाग लेंगे। इनमें विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल मुख्य हैं।
उद्धव ठाकरे भी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंचंगे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंचेगे। मालूम हो कि 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी विध्वंश हुआ उस दौरान भी भारी तादद में ऐसे ही संगठन अयोध्या में एकत्रित हुए थे। 26 सालों के बाद एक बार फिर एक ही विचारों के संगठन एक मुद्दे के लिए रामजन्मभूमि पर आने वाली 25 तारीख को एकट्टे हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि करीब 2 लाख लोगों के एकत्रित होने की संभावना है।