नई दिल्ली : शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि जनता प्रधानमंत्री को दो साल पहले नोटबंदी की घोषणा करने के लिए सजा देने का इंतजार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 1,000 और 500 रुपये के नोट को तत्काल प्रभाव से चलन से बाहर कर दिया था।
नोटबंदी बिल्कुल असफल रही
भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकार में सहयोगी शिवसेना ने दावा किया कि नोटबंदी बिल्कुल असफल रही क्योंकि इससे कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने गुरुवार को कहा, ‘केंद्रीय वित्त मंत्री कहते हैं कि ज्यादा लोगों को कर के दायरे में लाया गया, लेकिन लाखों लोगों की इस वजह से नौकरियां चली गई, वह इसके पीछे का तर्क देने में विफल रहते हैं।’
लोग प्रधानमंत्री को सजा देने का इंतजार कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि ऐसा कहा गया था कि आतंकवाद का खात्मा होगा और नकली नोट की समस्या खत्म हो जाएगी, लेकिन यह भी नहीं हो सका। प्रवक्ता ने कहा, ‘दो साल के बाद स्थिति इतनी खराब है कि लोग प्रधानमंत्री को सजा देने का इंतजार कर रहे हैं।’
कांग्रेस ने किया प्रर्दशन
कायंदे ने दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर के बीच अनबन से देश में आर्थिक स्थिति और बदहाल होगी तथा विदेशी निवेशक यहां निवेश करने के प्रति चिंतित होंगे। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने आज देशव्यापी आंदोलन कर रही है। साथ ही केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। वहीं सरकार आज भी नोटबंदी को बडी सफलता के रूप में मान लेती है। 8 नवंबर को नोटबंदी की तमाम सफलताओं को गिनाने के खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेस बुलाकर उपलब्धियां गिनाई।