माॅस्को। पुतिन साल 2018 में चौथी बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए थे। वह साल 1999 से सत्ता में हैं। अपना चौथा कार्यकाल पूरा होने के बाद संवैधानिक बाध्यताओं के कारण पुतिन 2024 में राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ सकते। रूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल होता था। लेकिन बाद में कार्यकाल को बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया था। जानकारी के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2036 तक वहां के राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। लेकिन पुतिन का कार्यकाल 2024 में खत्म होना है। इसी बीच रूस से खबर आ रही है कि उन्हें पार्किसंस जैसी गंभीर बिमारी से जूझ रहे हैं। जिसके चलते उनकी 37 वर्षीय गर्लफ्रेंड एलिना काबेवा और दोनों बेटियां पद छोड़ने के लिए दबाव बना रही हैं। जिसके चलते पुतिन अगले साल जनवरी में किसी ओर को सत्ता सौंप सकते हैं।
साल जनवरी में किसी और को सत्ता सौंप सकते हैं पुतिन-
बता दें कि करीब 21 सालों से रूस की सत्ता संभाल रहे राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अगले साल अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि व्लादिमिर पुतिन को गंभीर पार्किंसंस की बीमारी है। बताया जा रहा है कि पुतिन की 37 साल की गर्लफ्रेंड एलिना काबेवा और उनकी दो बेटियां 35 साल की मारिया वोर्त्सोवा और 34 साल की कतेरीना तिखोनोवा राष्ट्रपति का पद छोड़ने के लिए उनपर दबाव बना रही हैं। मॉस्को के राजनीति विज्ञानी वलेरी सोलोवेई ने बताया है कि पुतिन अगले साल जनवरी में किसी और को सत्ता सौंप सकते हैं। उन्होंने कहा कि संभवत: पुतिन पार्किसंस से जूझ रहे हैं और हालिया फुटेज में उनकी इस बीमारी के लक्षण दिखाई दिए हैं। हाल ही में सामने आई पुतिन की कुछ वीडियो फुटेज को लेकर दावा किया गया था कि पुतिन हाल ही में अपने पैरों को लगातार हिलाते हुए दिखाई दिए थे। इस फुटेज में पुतिन अपनी उंगलियों को चटकाते हुए भी दिखाई दिए। साथ ही उन्होंने अपने हाथ में एक कप भी पकड़ा हुआ था, जिसमें कुछ दवाईयां थीं।
क्या हैं पार्किसंस बिमारी-
पार्किसंस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक रोग है जिसमें रोगी के शरीर के अंग कंपन करते रहते हैं। पार्किन्सोनिज्म का आरम्भ आहिस्ता-आहिस्ता होता है। पार्किंसन किसी को तब होता है। जब रसायन पैदा करने वाली मस्तिष्क की कोशिकाएँ गायब होने लगती हैं। डॉक्टर जब हिस्ट्री (इतिवृत्त) कुरेदते हैं तब मरीज़ व घरवाले पीछे मुड़ कर देखते हैं याद करते हैं और स्वीकारते हैं कि हां सचमुय ये कुछ लक्षण, कम तीव्रता के साथ पहले से मौजूद थे। लेकिन तारीख बताना सम्भव नहीं होता। कभी-कभी किसी विशिष्ट घटना से इन लक्षणों का आरम्भ जोड़ दिया जाता है – उदाहरण के लिये कोई दुर्घटना, चोट, बुखार आदि। यह संयोगवश होता है। उक्त तात्कालिक घटना के कारण मरीज़ का ध्यान पार्किन्सोनिज्म के लक्षणों की ओर चला जाता है जो कि धीरे-धीरे पहले से ही अपनी मौजूदगी बना रहे थे। बहुत सारे मरीजों में पार्किन्सोनिज्म रोग की शुरूआत कम्पन से होती है। कम्पन अर्थात् धूजनी या धूजन या ट्रेमर या कांपना।