मेरठ। मेरठ पावली खास रेलवे स्टेशन के पास पिछले 40 साल से स्थापित झुग्गी झोपड़ी के 33 परिवार अपना गुजर बसर करते थे। रेलवे अधिकारियों और दर्जनों अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण के नाम पर इनकी बस्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया और इन्हें कहीं पुनर स्थापित करने की भी कोई कारवाई नहीं की गई। बताते चले कि जिस मार्ग का निर्माण रेलवे कर रहा है, उसका पत्थर भी दूसरी तरफ लगा था।
बुलडोजर चलने की सूचना पर बस्ती पहुंचे पूर्व राष्ट्रीय सह-संयोजक भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ व सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी भाजपा उत्तर प्रदेश नेता पंडित सुनील भराला ने बिखरे सामानों को व्यवस्थित रखवाया।
संबंधित अधिकारी से फोन पर बात करके कहा की माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार 10 साल से रह रही झुग्गी बस्ती को उनके पुनर्स्थापन के बिना उनकी बस्तियों पर अवैध बुलडोजर चलाना अमानवीय है और कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। आपने प्रभावित परिवारों के साथ बहुत अमानवीय व्यवहार किया है।
इन को पुनर्स्थापित किए बिना इनकी बस्तियों पर अवैध रूप से बुलडोजर चलाना अन्याय पूर्ण है इसके खिलाफ हम FIRदर्ज करवाएंगे और कमिश्नर से इनके पुनर्स्थापन के लिए मदद की मांग करेंगे।
भराला ने सभी प्रभावित परिवारों को दिलासा देते हुए कहा कि हम शीघ्र ही कमिश्नर मेरठ से बात करके आपके रहने की व्यवस्था करेंगे और जिन्होंने आपके घर पर अवैध बुलडोजर चलाया है उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग भी रखेंगे। क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है, कि जो झुग्गी बस्तियां पिछले 10 सालों से निवास करती हैं। उन को पुनर्स्थापित किए बिना उनकी झुग्गीयों को तोड़ा नहीं जा सकता।