नई दिल्ली। भारत दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑप ऑनर देकर उनका स्वागत किया गया। इसी के साथ उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी। इसके बाद रूहानी और पीएम मोदी के बीच आतंकवाद, सुरक्षा, व्यापार और निवेश क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने समेत 9 करार हुए। ईरानी राष्ट्रअध्यक्ष से बातचीत के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग बढ़ाने के इच्छुक हैं और मेरे ईरानी समकक्ष की भारत यात्रा दोनों देशों के रिश्ते को मजबूती देगी।
पीएम ने कहा कि ईरान ने चाबहार पोर्ट के लिए जो नेतृत्व दिया है, उसके लिए भारत आभार जताता है। आज जो भी समझौते हुए वह पिछले समय में हुई प्रगति का परिणाम हैं। मैं 2016 में ईरान गया था और द्विपक्षीय यात्रा का रोडमैप तैयार किया था। हम अफगानिस्तान को शांत, समृद्ध देखना चाहते हैं। हम अपने पड़ोसियों को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं। वहीं राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि हमें भारत सरकार से काफी प्यार मिला है, जिसके लिए मैं तहे दिल भारत की सरकार और यहां के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का रिश्ता कारोबार और सहयोग से बहुत आगे है, जोकि इतिहास से जुड़ा हुआ है।
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि परिवर्तन और अर्थव्यवस्था दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी राय एक है और हम दोनों देशों के बीच रेलवे संबंध भी शुरू करना चाहते हैं। रूहानी ने कहा कि दोनों देश चाबहार पोर्ट के विकास में भी शामिल हैं। बता दें कि भारत के लिए चाबहार बंदरगाह बहुत महत्वपूर्ण है। इसके जरिए भारत अफगानिस्तान, रूस के साथ ही मध्य एशिया के बाकी देशों से जुड़ना चाह रहा है। इससे इन देशों से भारत के लिए तेल और बाकी सामानों का आयात-निर्यात आसान होगा। ट्रांसपोर्ट खर्च भी कम होगा। भारत, अफगानिस्तान के जरांज से देलाराम तक सड़क भी बना चुका है।
दोनों देशों के बीच हुए ये 9 करार
डबल टैक्सेशन, टैक्स सेविंग के लिए पैसे बाहर भेजने की रोकथाम।
कूटनीतिक पासपोर्ट धारकों को वीजा में छूट।
प्रत्यर्पण संधि काे लागू करने के लिए समझौता।
चाबहार पोर्ट के पहले फेस के लिए समझौता।
ट्रेडिशनल सिस्टम के क्षेत्र में सहयोग।
आपसी व्यापार।
कृषि से जुड़े सेक्टर।
स्वास्थ्य-दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना।
पोस्टल सहयोग ।