- सरकार पर लगाया तिरस्कृत व्यवहार का आरोप
- काली पट्टी बांधकर किया सरकार का ध्यानाकर्षण
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ व राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश व अन्य स्वास्थ्य संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के साथ संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के समायोजन समेत अन्य विसंगतियों को दूर करने की मांगों को लेकर कर्मचारी लामबंद हो गए। पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर काम करते हुए अपना विरोध दर्ज किया। लामबंद कर्मचारियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारियों के प्रति सरकार के तिरस्कारपूर्ण रवैये का आरोप भी लगाया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मंयक प्रताप सिंह, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आनन्द प्रताप सिंह व आयुष फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष अम्मार जाफरी ने संयुक्त रूप से बताया कि हमारे कर्मचारी अपने जान की बाज़ी लगाकर कोरोना से राष्ट्र व जनहित में जंग लड़ रहा है।
उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि जान दांव पर लगाने के बाद भी सरकार द्वारा कोरोना भत्ते के 25% से उसे वंचित किया जा रहा है। साथ ही काम ना करने का झूठा आरोप भी लगाया जा रहा है, यह बेहद दुखद स्थिति है। उन्होंने सवाल किया कि वहीं जब अन्य राज्यों में कर्मचारियों का समायोजन हो रहा है तो उत्तर प्रदेश में सरकार इसके प्रति उदासीन क्यों है। यही कारण है कि सभी स्वास्थ्य संगठनों ने सरकार तक सच्चाई पहुंचाने के लिए यह रास्ता अख्तियार किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार को 4 जून तक का समय दिया गया है अगर मांगों पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो संगठन अन्य कदम उठाने को बाध्य होंगे। ज़िसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
कर्मचारी प्रदेश अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से अपने सहयोगी संगठनों और कर्मचारियों के प्रति आभार जताया।