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रोशनी एक्ट के 25 हजार करोड़ के घोटाले पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैंसला

Jammu Kashmir
  • भारत खबर || नई दिल्ली

रोशनी एक्ट में  घोटाले के आरोप को ध्यान में रखकर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अपना एक बड़ा फैंसला सुनाया है। बताते चलें कि जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने रोशनी एक्ट पर 25 हजार करोड़ के घोटाले के आरापे को लेकर अपना निर्णय सुनाया है। हाई कोर्ट के आदेशानुसार   रोशनी एक्ट को असंवैधानिक घोषित किया है। इसी के साथ-साथ हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि पच्चीस हजार करोड़ भूमि आवंटन योजना की जांच जल्द ही सीबीआई को सौंपी जाएगी। 

सीबीआई इसपर जांच करेगी। बताते चलें कि एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा  रोशनी एक्ट के तहत 25 हजार  करोड रुपए की भूमि आवंटन के घोटाले  के आरोप लगाया गया था जिसपर  हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व राजेश मित्तल ने 25 हजार  करोड रुपए की भूमि आवंटन के घोटाले  के आरोप पर भी याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने अपनी याचिका दायर करते हुए कहा कि इसकी जांच सीबीआई बड़ी गहनता से करेंगी।

high Court

बताते चलें कि नवंबर 2001 में जम्मू-कश्मीर राज्य विधान मंडल द्वारा रोशनी एक्ट पारित किया गया था। जिसे मार्च 2002 में पूरी तरह से लागू किया गया था। पता चला है कि इसके द्वारा राज्य में  जल विघुत उत्पादन के लिए धन अर्जित करने की योजना बनाई गई। जिसमें राज्य की भूमि को निजी स्वामित्व में हस्तांतरित कर ₹25 हर करोड के भूमि आवंटन घोटाले को अंजाम दिया गया।

CAG की रिपोर्ट के अनुसार यह पता लगाया गया कि 25000 करोड रुपए के घोटाले  के स्वामित्व में केवल ₹76  करोड ही निजी  भूमि के ट्रांसफर से प्राप्त हुए। बताते चलें कि इस घटना को अंजाम देने में जम्मू कश्मीर के राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी और भू माफिया व अन्य लोग शामिल हैं। जिन्होंने इस घोटाले की बड़ी घटना को अंजाम दिया और राज्य को कई हजार करोड़ रुपए की भूमि से हाथ धोना पड़ा।  इसी के चलते जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने रोशनी एक्ट को असंवैधानिक घोषित कर रोशनी एक्ट के जरिए किए गए सभी आवंटन को गैरकानूनी घोषित कर दिया।  हाईकोर्ट का  कहना है कि इस मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर दी जाएगी। सीबीआई इस मामले में जाँच कर 8 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी।

 

 हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि इस  घोटाले को अंजाम देने में जिन राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों का हाथ हैनपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। उनअधिकारियों को हिरासत में लिया जाएगा जिनका कार्यकाल में इस घोटाले को अंजाम दिया गया है। हाईकोर्ट ने इसके बाद कहा कि इस  घोटाले के अंतर्गत सभी डिस्ट्रिक्ट कमिश्नरों और डिजीनल कमिश्नरों को इस घोटाले की जाँच के आदेश  दिये जायेंगे और  यदि वो इसपर कार्रवाई नहीं करेंगे तो उनपर अदालत कार्रवाई करेगी।

 

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