लखनऊ। राजधानी के एसजीपीजीआई में रोबोट की मदद से एक 42 साल की महिला का सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है। दावा है कि उत्तर प्रदेश में पहली बार रोबोट से किडनी प्रत्यारोपण किया गया है। एसजीपीजीआई के रिनल साइंस विभाग (नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी) के डॉक्टरों की यह पूरी उपलब्धि रही है।
विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनीश श्रीवास्तव ने बताया कि बाराबंकी निवासी एक 42 साल की महिला की किडनी खराब थी। जिसको बदला जाना अतिआवश्यक था। महिला की मां ने अपनी किडनी दान करने की हामी भरी। जिसके बाद किडनी प्रत्यारोपण की तैयारी की गई। उन्होंने बताया कि महिला का स्वास्थ्य फिलहाल ठीक हैं, डॉक्टरों मरीज पर निगाह बनाये हुये हैं, जल्द ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
डॉ अनीश श्रीवास्तव बताते हैँ कि आमतौर पर किडनी ट्रांसप्लांट करते समय करीब 15 सेंटीमीटर का चीरा लगाया जाता है। लेकिन, रोबोट से ट्रांसप्लांट करते समय यह चीरा मात्र चार से पांच सेंटीमीटर का होता है। उन्होंने बताया कि चीरा छोटा लगता है तो घाव कम होता है, इसलिए मरीज जल्द स्वास्थ्य लाभ लेने लगता है।
डॉ अनीश के मुताबिक मोटे लोगों का किडनी प्रत्यारोपण करना मुश्किलों भरा होता है। इसके अलावा मोटे लोगों में चीरा लगाने में दिक्कत होती है। इसके अलावा मोटे शरीर में नसें भी नहीं मिलतीं हैं।
तीन घंटे चला ऑपरेशन
डॉ.अनीश ने बताया कि रोबोट की मदद से हुये गुर्दा प्रत्यारोपण में भी करीब तीन घंटे का समय लगा। वहीं उन्होंने बताया कि प्रत्यारोपण के दौरान सर्जरी में करीब 2.75 हजार का खर्च आया। बताते चलें कि किडनी दान करने वाली महिला की उम्र करीब 64 साल बतायी जा रही है।