हम सभी आसमान में चमचमाते हुए तारे देखते हैं और उन्हें गिनने की नामुमकिन कोशिश भी करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है। अगर मीलों दूर चमकते ये तारें न होते तो इंसान का अस्तित्व न होता। आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हों। वैज्ञानिकों ने एक चौंका देने वाले दावा किया है।
और हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सही साबित होती दिखती है।
इस शोध ने दावा किया है कि हमारे शरीर की हड्डियों और दातों में जितना भी कैलिश्यम मौजूद है. वह तारों से आया होगा जब वे सुपरनोवा बने होंगे। इससे पूरे ब्रह्माण्ड में बड़ी मात्रा में खनिज फैल गए होंगे। डेलीसाइंस की रिपोर्ट के अनुसार शोध में यह भी कहा गया है कि वैज्ञानिकों के लिए यह कोई आसान काम नहीं होगा कि वे इस तरह की बहुत ही कम होने वाली घटनाओं का पता कर इन मूल स्रोतों का पता लगा सकें।
वैज्ञानिक जैकबसन गैलन ने बताया, “कैल्शियम समृद्ध सुपरनोवा बनाने वाले तारे ने विस्फोट से कई महीने पहले बड़ी मात्रा में सामाग्री उत्सर्जित की थी। वहीं एक्सरे विस्फोट के इसी सामग्री के टकराने से पैदा हुईं। जिससे बहुत ऊर्जावान फोटोन का एक प्रस्फोट हुआ।” इसी की वजह से पैदा हुई ऊष्मा और विस्फोट के दबाव ने रासायनिक प्रतिक्रिया का शुरू किया जिससे कैल्शियम बना।इतना ही नहीं अधय्यन में ये बात भी सामने आयी है कि, तारों में केवल फॉस्फोरस ही बहुत अधिक बना है। इसके अलावा इन तारों में ऑक्सीजन, मैग्नीशियम ,सिलिकॉन , एल्यूमीनियम और सीरियम भी बहुतायत में पाए गए हैं। नेचर साइंस में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है कि विश्लेषण के बाद शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस रासायनिक स्वरूप की व्याख्या हमारे अभी तक की तारों के विकास की जानकारी से नहीं हो सकती है।
पृथ्वी पर जीवन पांच मुख्त तत्वों पर निर्भर हैं। ये तत्व हैं कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर और फॉस्फोरस. इनमें से फॉस्फोरस की पृथ्वी पर जीवन के सभी रूपों मे डीएनए और आरएनए के निर्माण में अहम भूमिका है। खोजे गए तारों में फॉसफोरस की मात्रा का पाया जाना हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में इसकी उत्पत्ति को समझने में मददगार हो सकता है।
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तो देखा आपने धरती से छोटे दिखने वाले तारें अपने अंदर कितनी ताकत बटोरे हुए हैं।