15 नवंबर को इस साल का पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बनने जा रहा है। पंचांग के मुताबिक 15 नवंबर 2022 को पुष्य नक्षत्र पड़ने वाला है। इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है।
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ग्रंथों के अनुसार इस दिन सभी शुभ काम करने बेहद लाभदायक होते हैं।
पुष्य नक्षत्र: शास्त्रों बताया गया है कि पुष्य का मतलब पोषण करने वाला होता है। पहले इसे तिष्य नाम से भी जाना जाता था। इसका प्रतीक गाय का थन माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं वहीं स्वामी शनि देव हैं। यही वजह है कि इस नक्षत्र में जन्में लोगों में शनि और बृहस्पति, दोनों का प्रभाव देखने को मिलता है। शनि जहां परिश्रम और न्याय के कारक हैं वहीं बृहस्पति ज्ञान के कारक माने गए हैं।
15 नवंबर 2022, मंगलवार को मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन पुष्य नक्षत्र का बहुत ही शुभ संयोग बना रहा है। शास्त्रों में पुष्य को नक्षत्रों का सम्राट भी कहा जाता है।
ज्योतिष ग्रंथों में 27 नक्षत्रों का वर्णन प्रमुखता से मिलता है। पुष्य नक्षत्र इन्हीं 27 नक्षत्रों में से आठवें नंबर का नक्षत्र है।
पंचांग के अनुसार 15 नवंबर 2022, मंगलवार को दोपहर 4 बजकर 13 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान रहेगा। राहुकाल दोपहर 2 बजकर 46 मिनट से 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। वहीं शुभ अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस दिन तीन ग्रह अपनी ही राशि में मौजूद रहेंगे। जिससे इसका महत्व काफी बढ़ जाता है।
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