11 अगस्त को हरियाली तीज का पर्व है। हरियाली तीज का सावन मास में विशेष महत्व होता है। हरियाली तीज का पर्व सुहागिन स्त्रियों को समर्पित है।
11 अगस्त को होगी हरियाली तीज
सवान का पूरे महीने में कई त्योहार आते हैं। भोलेनाथ को खुश करने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना जाता है। इसी तरह हरियाली तीज का भी अपना अलग ही महत्व है। पंचांग के अनुसार हरियाली तीज 11 अगस्त 2021 को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
हरियाली तीज पर होती है शिव-पार्वती की पूजा
मान्यता है कि हरियाली तीज पर भगवान भोलेनाथ और पार्वती माता की पूजा करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सुहागन स्त्री अगर इस दिन व्रत रखती हैं तो उसके पति की उम्र लंबी होती है। इस दिन सभी सुहागन स्त्रियां नहाने के बाद मायके से आए हुए कपड़े पहनती हैं। हरियाली तीज के दिन पूजा के शुभ मुहूर्त में स्त्रियां माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा एक चौकी पर स्थापित करें। इसके बाद माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप आदि अर्पित करें। इससे माता पार्वती प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करेंगी।
शिव जी को भांग और धतूरा चढ़ाकर करें खुश
माता पार्वती को खुश करने के साथ ही भगवान शिव की भी आराधना करें। शिव जी को बेल पत्र, श्वेत फूल, गंधक, धूप, वस्त्र भांग, धतूरा, अक्षत् चढ़ाएं। साथ में गणेश भगवान की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। हरियाली तीज का व्रत विधि पूर्वक पूर्ण करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस व्रत को रखने से दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं।
व्रत रखकर करें शिव-पार्वती की पूजा
हरियाली तीज तृतीया तिथि 10 अगस्त 2021 को शाम 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 11 अगस्त 2021 को शाम 5 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगी। सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखकर शिव और पार्वती माता की पूजा करें। पूजा का पहला मुहूर्त सुबह 4 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक और दूसरा दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनती है तीज
सुहागिनों के लिए हरियाली तीज व्रत बहुत खास है। हरियाली तीज को हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव और पार्वती जी का पुनर्मिलन हुआ था।