नई दिल्ली। डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के दौरान चीन ने एक और भड़काऊ बयान दिया है। चीन ने कहा कि हमारे पास जो बड़े हथियार है भारत उनको खिलौना न समझे। इसके साथ ही चीन ने कहा कि हमारी नौसेना हिंद महासागर की सुरक्षा को बरकरार रखने के लिए भारतीय नेवी से हाथ मिलाने को तैयार है। चीन नौसेना ने बीते शुक्रवार के भारतीय मीडिया को अपना युद्धपोत यूलिन दिखाया इसके साथ ही वहीं पर जो हथियार तैनात है उनकी भी जानकारी दी। चीन ने ऐसी पहली बार किया है जब उसने भारत के सामने तटीय शहर झानजियांग में अपने सामरिक दक्षिण सागर बेड़े (एसएसएफ) के अड्डे को खोला है। साथ ही कहा कि हिंद महासागर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक साझा स्थान है।
बता दें कि भारत और चीन के बीच करीब दो महीने से डोकलाम की सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। जिसको लेकर दोनों देशो कि सेनाएं एक दूसरे के आमने सामने हैं। चीन के जनरल का कहना है कि मुझे लगता है कि चीन और भारत हिंद महासागर की संरक्षा और सुरक्षा के लिए संयुक्त तौर पर योगदान दे सकते हैं। जनलर की ये टिप्पणी उस वक्त आई जब चीन की नौसेना अपनी वैश्विक पहुंच बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर विस्तारवादी रवैया अपना रही है। चीन ने हिंद महासाग में अपनी चीनी पनडुब्बियों की बढ़ती सक्रियता को साफ किया है। चीन ने वहीं हॉर्न ऑफ अफ्रीका में नौसेनी अड्डा बनाया है।
वहीं चीन का कहना है कि हिंद महासागर एक बहुत ही विशाल महासागर है। क्षेत्र में शांति और संतुलन बनाए रखने के लिए ये महासागर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तौर पर एक साझा स्थान है। चीन ने महासागर में सबमरीन्स की मौजूदगी को लेकर कहा कि हम एंटी पायरेसी के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट देना चाहते हैं। चीन ने कहा कि हम चाहते हैं कि महासागर में चीन के नौसेनिकों को आराम भी मिले इसलिए यहां दिबूती नेवल बेस बनाया गया है। इसके साथ ही चीन ने कहा कि फिलहाल अभी चीन दूसरे देशों में घुसपैठ नहीं करेगा। लेकिन दूसरे देशों से बाधित भी नहीं होगा।