नई दिल्ली। देश इस समय कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। देश की आर्थिक स्थिति इस समय बेहद ही खराब चल रही है। इसी बीच आरबीआई के मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक चल रही थी। जिसके आज नतीजे आ गए हैं। इन नतीजों में रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, काॅन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट आदि को लेकर जानकारी दी गई है। इसके साथ ही अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी आम लोगों को उनके लोन ईएमआई पर राहत नहीं मिली है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 4% और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बरकरार रखा है।
जीडीपी ग्रोथ मानइस 7.5% रहेगी-
बता दें कि RBI ने कहा है कि कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया जाएगा। यह फैसला 1 जनवरी 2021 से लागू होगा। वहीं, अगले कुछ दिनों में RTGS के जरिये पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा 24 घंटे मिलने लगेगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। रिकवरी में कुछ नए सेक्टर भी जुड़े हैं। अनलॉक के बाद शहरी मांग में इजाफा हुआ है। देश का कंज्यूमर काफी आशावादी है। सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी मौजूद है। इकोनॉमी में अनुमान से तेज रिकवरी दिखी है। इस वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ मानइस 7.5% रहेगी यानी इसमें गिरावट आएगी। अगली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 0.1 फीसदी है। चौथी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 0.7 फीसदी है। शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में महंगाई की दर अभी ऊंची बनी रहने की आशंका है।
2021 के लिए लाभांश की घोषणा नहीं करें- शक्तिकांत दास
उन्होंने कहा कि CPI आधारित महंगाई यानी खुदरा महंगाई इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.8% रहने का संभावना है। वहीं, Q4 में यह 5.8% रह सकता है। रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2021-22 के फर्स्ट हाफ में महंगाई दर 5.2% से 4.6% के बीच रह सकती है। मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश के सभी कमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंकों से कहा गया है कि वे वित्त वर्ष 2021 के लिए लाभांश (dividends) की घोषणा नहीं करें और वित्त वर्ष 2020 में कमाए गए प्रॉफिट को अपने पास बनाए रखें। RBI ने यह फैसला बैंको को मजबूती प्रदान करने के लिए किया है।