मंगलवार को रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ले ली है। वह अब देश के 14वें राष्ट्रपति बन गए हैं। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कोविंद को शपथ दिलाई है। जिसके बाद उन्होंने प्रणब मुखर्जी के साथ कुर्सियां बदली। राष्ट्रपति पद की शपत लेने के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई है। शपथ ग्रहण के मौके पर इसके साक्षी कई बड़ी हस्तियां बनी हैं। पीएम मोदी के साथ साथ यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां मौजूद थी। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते वक्त उनके साथ मंच पर उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्पीकर सुमित्रा महाजन, प्रणब मुखर्जी के साथ खेहर मौजूद थे।
प्रणव मुखर्जी कोविंद को काली लिमो कार में लेकर संसद भवन में पहुंचे थे। जिसके बाद राष्ट्रपति कोविंद पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ उसी गाड़ी में वापस राष्ट्रपति भवन में चले गए। यहां राष्ट्रपति कोविंद को सलामी भी दी गई है। राष्ट्रपति कोविंद को कार्यभार सौंपने के बाद प्रणव मुखर्जी 340 कमरों वाले राष्ट्रपति भवन से हटकर 10 राजाजी मार्ग स्थित बंगले में चले गए। राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के सभी जस्टिस शामिल हुए हैं। इस सब पर चार बार नामांकन दाखिल करने में राष्ट्रपति का सहयोग कर चुके अधिवक्ता ने कहा है कि यह सब कुछ पहली बार हुआ है इससे पहले ऐसा नहीं हुआ है।
वही राष्ट्रपति भवन पहुंचने से पहले वह राजघाट पर पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थी। उन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद वह राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हो गए। शपथ ग्रहण से पहले कोविंद ने प्रणव मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में जाकर मुलाकात की थी। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के स्टडी रूम में जाकर प्रणव मुखर्जी के साथ मुलाकात की थी। वही देखने वाली बात यह है कि जैसे ही शपथ कार्यक्रम खत्म हुआ तब पहले भारत माता की जय का नारा लगाया गया लेकिन इसके बाद जय श्री राम का नारा भी लगाया गया। हालांकि इस नारे के बाद कई राजनीतिक पंडित अपना अपना तर्क रखने लग गए हैं।