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डोटासरा ने निम्बाराम और राज्यपाल पर निशाना साधा, बोले – कृषि कानून के बिल आगे नहीं बढ़ रहे

डोटासरा ने निम्बाराम और राज्यपाल पर निशाना साधा, बोले - कृषि कानून के बिल आगे नहीं बढ़ रहे

एक साल पहले राज्य सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों को दरकिनार करने के लिए तीन कृषि विधेयक लाई थी। राज्यपाल के स्तर पर इसे रोकने का मामला एक बार फिर उठा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कृषि विधेयक पर रोक को लेकर राज्यपाल पर निशाना साधा है। दरअसल, पंचायती राज चुनाव में सत्ता के दुरूपयोग के भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए डोटासरा ने कहा- सत्ता के दुरुपयोग को देखिए, राजस्थान में किसानों के हित के लिए तीन कानून पारित किए गए। आज तक राज्यपाल के पास पड़े हैं। अभी तक उन्हें आगे नहीं बढ़ाया।

डोटासरा ने बताया- “खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे” की तर्ज पर भाजपा नेता बौखलाहट भरी बयानबाजी कर रहे हैं। सत्ता का दुरुपयोग कहीं देखना हो तो आप केंद्र की सरकार का देखिए। सत्ता का दुरुपयोग हमने पिछले 5 साल देखा, जब धौलपुर में उपचुनाव था। सत्ता का दुरुपयोग देखना हो तो कभी उत्तर प्रदेश में देखिए। किस तरीके से धमकाया जाता है, पर्चे खारिज किए जाते हैं। विपक्षी खेमे के सत्ता का दुरुपयोग देखना है तो, जो अन्नदाता किसान पिछले 9 महीने से धरने पर बैठे हैं, उनकी सुनवाई नहीं हो रही।

डोटासरा ने निम्बाराम और राज्यपाल पर निशाना साधा, बोले - कृषि कानून के बिल आगे नहीं बढ़ रहे

राजस्थान के कृषि बिल अटके

राजस्थान सरकार ने 3 केंद्रीय कृषि कानूनों के प्रावधानों को सूबे में लागू नहीं करने का ऐलान किया था। इसके बाद पिछले साल सितंबर में विधानसभा का सत्र बुलाकर तीन कृषि बिल पारित किए। इन बिलो में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को बायपास करने के लिए राज्य सरकार ने प्रावधान किए थे। जब ये बिल राज्यपाल के पास भेजे गए, तो इन्हें रोक लिया गया। पिछले साल से ही ये बिल राजभवन में ही हैं और इनकी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है।

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निंबाराम को भी निशाना बनाया

डोटासरा ने BVG घूसकांड मामले में आरोपी बनाए गए संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम पर फिर निशाना साधा। डोटासरा ने बताया – हमारी बात प्रमाणित हो गई है कि निंबाराम दोषी हैं। नहीं तो उनको अदालत में जाने की क्या जरूरत पड़ती। ACB अगर FIR बदल रही होती तो उन्हें अदालत में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसका मतलब हमने सही कहा था कि निंबाराम जी दोषी हैं और उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। अब जब वह अदालत में गए हैं तो अदालत का भी देख लिया जाएगा, और दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

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