गोरखपुर: गोरखपुर के 277 गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। इनमें से कुछ गांव मैरुंड भी हो गए हैं। गांव के साथ शहरी क्षेत्र के बाहरी और निचले इलाके भी बाढ़ के पानी से डूबे हैं। इस बार शहर के दक्षिणी में भी गांव और कालोनियां बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बाढ़ से जहां 2,26,324 आबादी प्रभावित है। गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र के विधायक विपिन सिंह बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर राहत सामग्री लोगों में मुहैया करा रहे हैं जिससे लोगों को खाने पीने में कोई असुविधा ना हो।
गोरखपुर ग्रामीण विधायक विपिन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों में बाढ़ राहत सामग्री बाटा जा रहा है जिससे लोगों को कोई खाने पीने में दिक्कत ना आए लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा रहा है लोगों के उपचार के लिए स्वास्थ्य टीमें एवं गांव में नावे लगाई गई है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं।
राप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लेकिन, रोहिन खतरे के निशान से नीचे आ गई है। वहीं घाघरा एक स्थान पर खतरे के निशान से ऊपर तो वहीं दूसरी जगह खतरे के निशान से नीचे है। वहीं कुआनो खतरे के निशान से नीचे, तो वहीं गुर्रा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
गोरखपुर के दक्षिणी छोर को भी राप्ती नदी ने अपनी आगोश में ले लिया है। लोग अपने घरों को छोड़कर बंधों और शुभचिंतकों-रिश्तेदारों के यहां शरण ले लिए हैं।
गोरखपुर में 277 गांव बाढ़ से घिरे और मैरुंड भी हो गए हैं। इसमें सदर के 60, कैंपियरगंज में 46, सहजनवा में 37, चौरीचौरा में 13, गोला में 59, बांसगांव में 33, खजनी में 29 गांव बाढ़ से घिर गए हैं। रोहिन और राप्ती नदी की बाढ़ से घिरे गांव में छोटी-बड़ी कुल 389 नाव राहत के लिए लगाई गई है। मेडिकल टीम को तैनात किया गया है। लोगों का उपचार हो रहा है क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस बांटा गया है इसके अलावा 19658 राशन किट उपलब्ध कराई गई है। 2,26,324 आबादी और 36,690 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है।
राप्ती, रोहिन, घाघरा के अलावा गुर्रा और रोहिन के साथ आमी नदी भी गांव में कहर बरपा रही है। बाढ़ ने एक बार फिर ग्रामीणों को मुश्किल में डाल दिया है। शहर के दक्षिणी छोर ट्रांसपोर्टनगर,राजीव नगर, बहरामपुर और महेवा मंडी में उफनाई राप्ती से बाढ़ आ गई है। लोगों के घर डूब गए हैं। सदर क्षेत्र के 60 गांव बाढ़ से प्रभावित और मैरुंड हैं।