उत्तराखंड के पट्टी दोगी के तिमली टोलकी में आई भीषण आपदा से लोगों के खेत-खलियान,आंगन-चौक से लेकर मकान,पैदल मार्ग,पुल,पेयजल लाइनें हुई बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों को सरकार से मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। पट्टी दोगी क्षेत्र में इस साल आसमान से ऐसी आफत बरसी कि जिसने कई ग्राम पंचायतों का नक्शा और भूगोल ही बदल कर रख दिया है। इस क्षेत्र की ग्राम पंचायत मंज्याड़ी के अंतर्गत तिमली के टोलकी तोंक में बारिश के कहर से आई आपदा ने सब कुछ तहस-नहस करके रख दिया है। 8 से 10 लोगों के मकान तो रहने लायक ही नहीं बचे हैं।
बता दें कि ग्रामीणों के खेत- खलियान,मकान-चौक,आंगन, खड़ी फसलें,पैदल मार्ग, 4 पुल उफान से आए मलबे की भेंट चढ़ गए हैं। देखते ही देखते मंज्याड़ी का टोलकी तोंक खंडहर के मंजर में तब्दील हो कर रह गया। गांव में आई भीषण आपदा की खबर सुनते ही क्षेत्र के पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत गांव पहुंच कर क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में गए। ग्रामीण काश्तकारों से मिले आपदा से आई भारी नुकसान का मंजर देख पूर्व विधायक भी हैरान और परेशान दिखे।
बता दें कि बारिश से गांव में आई तबाही के लिए पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत और ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई और लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराया गांव के ऊपरी क्षेत्र से कट रही। सड़क के मलबे को फेंकने के लिए गांव के ठीक ऊपर बहुत बड़ा डंपिंग जोन बनाया गया। डंपिंग जोन के मलबे को रोकने के लिए किसी तरह की प्रोटेक्शन दीवार नहीं लगाई गई। नतीजा यह हुआ कि सारा मलबा रौद्र रूप धारण कर गांव की खेत-खलियान सहित सब कुछ तबाह करके चला गया।
वहीं क्षेत्र के पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि उन्हें सरकार से मदद दिलाने की तत्काल कार्रवाई की जाएगी। पूर्व विधायक ने उक्त दोनों विभागों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। ग्रामीणों और पीड़ितों की मांग है कि यह गांव अब कतई रहने लायक नहीं रह गया है लिहाजा गांव को विस्थापित करें सरकार।