नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी उन्मूलन शिखर सम्मेलन की शुरुआत की। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के चलते भारत में टीबी मुक्त अभियान की शुरुआत हो गई है। इस सम्मेलन को स्वस्थय मंत्रालय, विश्व व्यापार स्वास्थय संगठन, दक्षिण एशिया क्षेत्रीया कार्यालय और स्टॉर्प टीबी के द्वारा आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि टीबी को 25 साल पहले डब्ल्यूएचओं ने एमरजंसी घोषित किया था और तभी से इसके खिलाफ अभियान चल रहा है। पीएम ने कहा कि भारत भी पिछले काफी समय से टीबी का प्रभाव झेल रहा है और गरीब इंसान सबसे ज्यादा इसके शिकार हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में टीबी को खत्म करने के लिए 2030 तक का समय लगेगा, लेकिन भारत ने टीही मुक्त होने के लिए 2025 का समय निर्धारित किया है और हम अपनी नई रणनीति के तहत टीबी की देश से समाप्ति शुरू कर रहे हैं और इसे जड़ से खत्म करने के लिए भारत प्राइवेट सेक्टर को भी इसमें शामिल कर रहा है। पीएम ने कहा कि टीबी को भारत से मिटाने के लिए राज्य सरकारों का भी अहम रोल है और केंद्र व राज्य मिलकर इस मिशन को आगे बढ़ाएंगे। पीएम ने कहा कि टीबी मुक्त भारत करने के लिए मैने खुद सभी राज्यों को इसके लिए चिट्टी लिखी है ताकि टीबी को समाप्त करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर एक दिशा में काम कर सके।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि TB का मरीज अपनी इच्छाशक्ति से जिस तरह इस बीमारी पर विजय प्राप्त करता है, वो दूसरों के लिए भी प्रेरणा का काम करता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि मरीजों की इच्छाशक्ति और अपने passionate TB workers के सहयोग से भारत के साथ ही दुनिया का हर देश अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि इसे मिशन की तरह लेना होगा, टीबी फ्री गांव, टीबी फ्री पंचायत, टीबी फ्री शहर, टीबी फ्री राज्य और फिर टीबी फ्री देश के लक्ष्य को पूरा करना ही होगा। पीएम ने आगे कहा कि भारत में Immunization 30-35 साल से चल रहा है, लेकिन इसके बावजूद 2014 तक हम संपूर्ण कवरेज का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाए थे, जिस रफ्तार से immunization का दायरा बढ़ रहा था, अगर वैसे ही चलता रहता तो भारत को संपूर्ण कवरेज तक पहुंचने में 40 साल और लग जाते।