नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं और राजस्थान के दोनों दलों के नेताओं में कलह दिखनी शुरू हो गई है। जहां बीजेपी की कलह जग जाहिर तो वहीं कांग्रेस की कलह पार्टी के अंदर देखने को साफ मिल रही है। राजस्थान में कांग्रेस की कलह उस समय सबके सामने आ गई जब जब मेरा बूथ, मेरा गौरव अभियान के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप चौधरी के साथ मारपीट की गई। जिसने ये साफ कर दिया कि ऊपर से एक साथ दिखने वाली कांग्रेस में अंदर कितनी फूंट पड़ चुकी है।
कांग्रेस में आपसी कलह
राजस्थान की कलह उस वक्त भी साफ देखने को मिली जब अशोक गहलोत ने सीएम पद के लिए अपना बयान सप्ष्ट किया। बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट के नाम की चर्चा खूब जोर शोर से उठ रही है। पर अशोक गहलोत भी सीएम पद की दौड़ में खुद को पीछे नहीं मान रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने साफ कर दिया है कि छोटो को पद की लालसा नहीं रखनी चाहिए।
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बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को केन्द्र में संगठन महासचिव का पद दिया गया है जो कि ये माना जा रहा है कि अशोक गहलोत सीएम पद के दावेदार नहीं रहे। लेकिन सीएम पद के लिए राजस्थान के दोनों बड़े नेताओं के चुनावी सुर अलग अलग दिख रहे हैं।
आपको बता दें कि इसी सिलसिले में राजस्थान में कांग्रेस के दो गुट बंट चुके हैं पहला गुट अशोक गहलोत और और दूसरा गुट सचिन पायलट का। हालांकि सीएम पद के दावेदार को लेकर कांग्रेस में आपसी कलह साफ देखी जा सकती है। हालांकि बीजेपी में भी आपसी फूंट नजर आ रही है लेकिन बीजेपी को कांग्रेस के कलह का फायदा मिल सकता है। राजस्थान में कांग्रेस को अगर सियासत हाथ में लेनी है तो उसे अपना कलह भूलना होगा।