नई दिल्ली। राजस्थान में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव का समय निकट आ रहा है तो वहीं सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है। राजस्थान में पक्ष विपक्ष तो एक दूसरे पर निशाना साध ही रहे हैं पर, वहीं दोनों बड़े राजनीतिक दलों में भी आपसी कलह साफ नजर आ रहा है। बता दें कि जहां बीजेपी में राजस्थान प्रदेशाध्य़क्ष पर केन्द्र और राज्य के सुर अलग अलग दिख रहे हैं तो वहीं कांग्रेस में भी सियासी लड़ाई देखने को मिल रही है।
बीजेपी कांग्रेस में आपसी कलह
राजस्थान में छह महींने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन बीजेपी ने अभी तक राजस्थान में अपना प्रदेशाध्यक्ष पद पर फैसला नहीं किया है। प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों- भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस – के कई नेता अपने ही नेताओं पर आपा खोते दिखे हैं। राजस्थान की वर्तमान सरकार की सियासत की अगर बात करें तो जिले के दो विधायकों प्रहलाद गुंजल और चंद्रकांता मेघवाल में कहासुनी इतनी बढ़ गई कि गुंजल ने मेघवाल को दो कौड़ी का नेता कह दिया। इतना ही नहीं प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और संसदीय सचिव ओमप्रकाश हुड़ला के बीच भी जंग को साफ देखा जा सकता है और बात करे केंद्र और राज्य की तो प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर दोनों के ही सुर अलग अलग दिख रहे हैं।
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तो वहीं, बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस में आपसी फूट साफ नजर आ रही है। सीएम पद के दावेदार कहे जाने वाले सचिन पायलट और पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बीच सीएम पद को लेकर लड़ाई साफ देखी जा सकती है। आपको बता दें कि इसी सिलसिले में प्रदेश में कांग्रेस के दो गुट भी बंट चुके हैं एक गुट अशोक गहलोत का तो दूसरा गुट सचिन पायलट का हाल ही में दोनों गुटों में झड़प की खबरें भी सामने आई थीं। जिसमें दोनों गुटो की ओर से जमकर पत्थरबाजी भी गुई थी।विधानसभा चुनाव निकट है और दोनों दलों के नेताओं में आपसी फूट और आपसी कलह साफ नजर आ रहा है। अब देखना ये होगा कि इस आपसी कलह का किसे नुकसान होता है।