नाभा (पंजाब)। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुरेश अरोड़ा ने रविवार को स्वीकार किया कि साजिश, मिलीभगत और चूक के कारण नाभा जेल की घटना घटी, जिसमें दो संदिग्ध खालिस्तानी आतंकवादी और चार खूंखार गैंगस्टर फरार हो गए। अरोड़ा ने उच्च सुरक्षा वाली इस जेल के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, “इसमें चूक हुई है। यह एक साजिश है, जैसा कि हम देख सकते हैं। हम हर चीज की जांच करेंगे। हम मिलीभगत के कोण की भी जांच करेंगे।”
उल्लेखनीय है कि इस जेल में रविवार सुबह 10-12 हथियारबंद लोग घुस गए और वहां अंधाधुंध गोलीबारी कर छह खूंखार कैदियों को छुड़ा ले गए। जेल के सुरक्षाकर्मी हमले का जवाब नहीं दे पाए। इस पर डीजीपी ने कहा, “हम इस बात की जांच करेंगे कि हमारी गोलीबारी प्रभावी क्यों नहीं हुई।”
उन्होंने कहा कि फरार कैदी और उनकी मदद करने वाले हरियाणा की ओर भागे। अरोड़ा ने कहा, “उनके बारे में पता किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि जेल कांड के दौरान 30-35 चक्र गोलियां चलीं, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कम से कम 100 चक्र गोलीबारी हुई।
डीजीपी ने कहा, “उन्होंने (हमलावरों ने) कहा कि वे एक कैदी को छोड़ने आए हैं। संतरी ने गेट खोल दिया। उनके पास छोटे हथियार थे। छह अपराधी -हरमिंदर मिंटू और कश्मीर सिंह (दोनों आतंकवादी), और गुरप्रीम सेखों, विक्की गाउंडर, अमनदीप धोतियां और नीता देओल (सभी गैंगस्टर) फरार हो गए।”
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान सर्जिकल कार्रवाई के बाद आतंकवाद को जिंदा करने की फिराक में है। इस जेल कांड के पीछे वही हो सकता है।” सुखबीर के पास गृहमंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हम नाभा जेल से कैदियों के फरार होने के पीछे की साजिश को हर कीमत पर बेनकाब करेंगे।”
जेल से कैदियों के फरार होने की इस घटना ने अमृतसर में दो-तीन दिसंबर को आयोजित हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन से पहले पंजाब में सुरक्षा पर एक प्रश्नचिह्न् लगा दिया है। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के शीर्ष नेता हिस्सा लेने वाले हैं।