राजस्थान के सियासी घमासान में सचिन पायलट की छुट्टी होते ही हर जगह सचिन के नेक्स्ट प्लान और कांग्रेस पिछले कदम की चर्चा हो रही है। राजस्थान में कांग्रेस ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और अध्यक्ष पद से हटा दिया है। और इसमें सबसे बड़ी भूमिका प्रियंका गांधी की रही है। तभी से पायलट की हटाते ही सीधे प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी की तरफ रूख किया।
आपको बता दें, राहुल गांधी के खास दोस्त माने जाने वाले सचिन पायलट को मनाने का जिम्मा प्रियंका गांधी वाड्रा को मिला था। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी सचिन को नहीं माना पाई। जिसकी वजह से उन्होंने सरकार बचाने के लिए राहुल गांधी के पुराने दोस्त सचिन पायलट को किनारे करना ही बेहतर समझा। क्योंकि कांग्रेस मध्य प्रदेश में हाल देख चुकी है। इसलिए वो राजस्थान में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
पायलट ने प्रियंका गांधी के सामने चार शर्ते रखीं थी। वह अपने चार विधायकों के लिए मंत्री पद चाहते थे और इसके साथ ही वह वित्त मंत्रालय की मांग में भी अड़े हुए थे। इसके साथ ही वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का भी पद अपने पास ही रखना चाहते थे। लेकिन उनकी इनव शर्तों को कांग्रेस ने मानने के इंकार कर दिया जिसके बाद राजस्थान में ये सारा रायता फैलता फिलहाल प्रिंयका गांधी नें सचिन को साइड करके सरकार बचा ली है।
प्रियंका ने खुद सोनिया गांधी से इस मामले को सुलझाने की अनुमति मांगी थी। प्रियंका ने महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजीव सातव को अपना दूत बनाकर सचिन पायलट से बातचीत करने के लिए जयपुर भेजा। दूसरी तरफ अशोक गहलोत ने भी लगभग 90 विधायकों को अपने साथ बताया है। अब यदि प्रियंका गांधी वाड्रा की वजह से राजस्थान का सत्ता संकट सुलझ गया तो यह तय है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ जाएगा।
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लेकिन सचिन को हटाकर कांग्रेस को बड़ा झटका लग गया है।