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राष्ट्रपति का अभिभाषण, कहा- चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा

WhatsApp Image 2021 01 29 at 11.50.57 AM राष्ट्रपति का अभिभाषण, कहा- चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा

नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को दो महीने से ज्यादा हो गए हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डटे हुए हैं। इसके साथ किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च करने का ऐलान किया था। जिसके चलते गणतंत्र दिवस पर हो रहे ट्रैक्टर मार्च में हिंसा भड़क उठी। इसी बीच अब किसान आंदोलन टूटता हुआ नजर आ रहा है। इसके साथ ही आज बजट सत्र शुरू होने वाला है। जिसकी शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंड के अभिभाषण के साथ हो गई है। इसके साथ ही 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिरूष्कार किया है। अभिभाषण की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति ने सबसे पहले पिछले साल आई कोरोना, सीमा पर तनाव समेत कई संकटों का जिक्र किया।

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि-

बता दें कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण की शुरूआत में कहा कि इतने संकटों के बावजूद देश मजबूती से खड़ा रहा। राष्ट्रपति ने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कोरोना से छह सासदों समेत देश में अनेकों लोगों के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कोरोना के दौरान सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे सरकार संकट के समय में देश की आम जनता के साथ खड़ी रही। इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आगे ले जाने का आवाहन भी किया।

मेरी सरकार ने ध्यान रखा कि कोई गरीब भूखा न रहे- राष्ट्रपति

इसके साथ ही राष्ट्रपति ने सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने सरकार के निर्णय लेने की प्रशंसा करते हुए कहा कि अपने सभी निर्णयों में मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।

 

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