प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज के चार ऐसे जांबाज़ हैं, जो प्रतिदिन कोरोना संक्रमित व सामान्य मौतों के शवों को कब्रिस्तान में दफनाने का काम कर रहे हैं।
दरियाबाद के शफक़त अब्बास और उनके बेटे अज़मत यह दोनों मौत की खबर सुनते ही मौत होने वाले घरों में बिना देरी किए पहुंच जाते हैं। यहां मय्यत को नहाने की क्रिया व कफन के फर्ज को पूरा करने के साथ क़ब्रों में उतरकर शवों के दफनाने तक की पूरी जिम्मेदारी निभाते चले आ रहे हैं।
मददगार की भूमिका में आते हैं नजर
वहीं, मस्जिद काज़ी साहब के मुतावल्ली शाहरुक़ क़ाज़ी, मस्जिल गदा हुसैन, दरियाबाद के नायब मुतावल्ली शाहरुख हुसैनी भी उन जांबाज़ नौजवानों के गिनती में आते हैं, जो कोरोना संक्रमित शवों को पीपीई किट पहनकर लोगों के मददगार की भूमिका में नजर आते हैं।
मदर टेरेसा फाउंडेशन के महानगर चेयरमैन मो. अस्करी ने कहा कि, महामारी के इस दौर में जहां अपने अपनों से दूर हो रहे हैं और कोरोना से डर से सगे संबंधी भी कतराते हैं। ऐसे में शफक़त अब्बास, अज़मत, शाहरुक़ काज़ी व शाहरुक़ हुसैनी जैसे युवाओं का हौसला काबिले तारीफ है।
कोरोना वारियर्स अवार्ड से किया जाएगा सम्मानित
मो. अस्करी ने इस संक्रमण के दौर में अपनी जान की परवाह न करते हुए निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करने वाले चारों नौजवानों को संक्रमण काल की समाप्ति पर ओलमाओं के हाथों कोरोना वारियर्स अवार्ड से सम्मानित करने का ऐलान किया है।