प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के बंद के आह्वान का मंगलवार को असर पूरे शहर में दिखा। इस दौरान सिविल लाइंस, एमजी मार्ग, चौक, जानसेनगंज आदि जगहों की दुकानें बंद रहीं।
अधिवक्ताओं के बंद का व्यापारियों ने भी समर्थन किया। हालांकि, कुछ दुकानें खुली भी रहीं। इस मौके पर वकीलों ने मांगों को लेकर जुलूस भी निकाला। अधिवक्ताओं ने पूरे शहर का भ्रमण किया और हाईकोर्ट से लेकर सिविल लाइन्स तक जुलूस निकाला, जो सुभाष चौराहे से होकर गुजरा।
वकीलों की ये है मांग
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शिक्षा सेवा अधिकरण को जिले में स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग कई दिनों से लंबित है, जिसे सुना नहीं जा रहा है। यही कारण है कि वकील पिछले काफी दिनों से आंदोलित हैं।
अब आंदोलन का आकार बढ़ता जा रहा है। अधिवक्ताओं के इस आंदोलन में छात्र संघ के अलावा व्यापारी और शिक्षक भी जुड़ गए हैं। सोमवार को वकीलों ने पूरे शहर में बाइक रैली निकाली और बंद के समर्थन का व्यापारियों से आह्वान किया।
शहर के प्रमुख बाजार रहे बंद
अधिवक्ताओं के बंद का असर पूरे शहर में दिखाई दिया। शहर के कई इलाकों के बड़े बाजार बंद रहे तो वहीं, जो दुकानें खुली दिखीं, उन्हें वकीलों ने बंद करा दिया। चौक क्षेत्रों और सिविल लाइंस के बाजार बंद दिखे, लेकिन इक्का-दुक्का दुकानें ही खुली दिखीं। हालांकि, सुलेमसरांय में बंदी का असर नहीं दिखा और वहां की दुकानें खुली रहीं। यही हाल लूकरगंज में भी नजर आया।
झूंसी के बाजारों पर भी दिखा बंद का असर
वकीलों के आह्वान का असर झूंसी की मार्केट पर भी दिखा। यहां के अधिकांश बाजार बंद रहे। वहीं, वकील अपनी गाड़ियों से यहां-वहां चक्कर लगाते दिखे और दुकानों को बंद कराते रहे। इस दौरान वकीलों ने सरकार की नीतियों की आलोचना की।
‘प्रयागराज की पहचान मिटाई जा रही’
रैली का नेतृत्व कर रहे बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अशोक सिंह ने कहा कि सरकार प्रयागराज में बने मुख्यालयों को धीरे-धीरे लखनऊ लेकर गई। इससे प्रयागराज की जो पहचान थी, वो समाप्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अशोक सिंह ने कहा कि हम शहर की पहचान को बचाने के लिए लोकतात्रिक ढंग से अपनी मांगें रखेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।