नई दिल्ली। जैसे-जैसे किसी राज्य में चुनाव नजदीक आते जाते है, वैसे ही वहां की राजनीति में बदलाव देखने को मिलता है। जिसके चलते पश्चिम बंगाल में साल 2021 में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। जिससे इस समय वहां की सभी राजनीतिक पार्टियों की हलचलें तेज हो गई हैं। चुनाव के प्रचार के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां रैलियां कर रही हैं। इसी बीच बीते दो दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर गए हुए थे। जहां उन्होंने कई रैलियां की। उनकी रैली के बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीजेपी को लेकर बड़ा दावा किया है। प्रशांत किशोर के मुताबिक अमित शाह का बंगाल दौरा मीडिया की बनाई हुई छवि है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नतीजों में दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाएगी। चुनावी माहौल में ऐसी क्रिया-प्रतिक्रिया देखने को मिल ही जाती है। यह कोई नई बात नहीं कि चुनाव आने से पहले राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना न साधे।
जानें अमित शाह ने रैली के दौरान क्या कहा था-
बता दें कि प्रशांत किशोर का यह बयान गृहमंत्रा अमित शाह को दो दिन के बंगाल दौरे के बाद आया है। कल बंगाल दौरे के आखिरी दिन अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि चुनाव तक ममता बनर्जी अकेली रह जाएंगी। उन्होंने बीजेपी को सत्ता मिलने पर पांच साल में सोनार बांग्ला यानी सोने जैसा बंगाल बनाने की बात कही। जिसके बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ”मीडिया के समर्थित पक्ष द्वारा बढ़ा चला कर दिखाया गया। वास्तव में बीजेपी को दहाई का आंकड़ा पार करने में भी मुश्किल होगी। कृपया इस ट्वीट को सेव कर लें और अगर बीजेपी अच्छा करती है तो मैं यह काम छोड़ दूंगा।
प्रशांत किशोर के खिलाफ विधायक जटू लाहिड़ी ने पीके के खिलाफ मोर्चा खोला-
बंगाल में टीएमसी शुभेंदु अधिकारी के झटके से अभी उबरी भी नहीं है कि एक और बगावती सुर देखने को मिल रहा है। ये बगावती सुर टीएमसी की तरफ से चुनाव में नैया पार लगाने के लिए लाए गए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ है। हावड़ा के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जटू लाहिड़ी ने पीके के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लाहिड़ी ने सीधे प्रशांत किशोर पर हमला करते हुए कहा कि वह ‘किराए’ पर पार्टी चलाने आए हैं और उनके आने से पार्टी को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जो क्षमता है उससे ज्यादा राज्य में किसी की ज़रूरत नहीं है। लोगों ने उनपर विश्वास किया है कि वो उनके साथ खड़ी हैं, इसीलिए बाहर से किसी को लाने की ज़रूरत नहीं है। मेरी निजी धारणा है कि प्रशांत किशोर को लाने के बाद से हमारे दल को बहुत क्षति पहुंची है।