राष्ट्रपति ऐसे कि अपराधियों के लिए बने शामत
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लेकर आम लोगों के बीच इस बात की चर्चा ज्यादा होती है कि उन्होंने किस अपराधी की सजा माफ की और किसकी सजा नहीं माफ की प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल में मुबंई के 26/11 हमले के दोषी अजमल कसाब और संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और 1993 मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेनन की फांसी की सजा पर फौरन मुहर लगा दी यानी प्रणब इस रुप में याद किए जाएंगे उन्होंने बतौर राष्ट्रपति तीन बड़े आंतकी अफजल गुरु को 2013 और याकूब मेनन को 2015 में फांसी दिलाने में अहम रोल निभाया था। इतना ही नहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल में करीब 37 क्षमायाचिका आए जिसमें उन्होंने ज्यादातर में कोर्ट की सजा को बरकरार रखा।
अपराध के लिए रेयरेस्ट ऑफ रेयर फांसी की सजा दी जाती है।
राष्ट्रपति ने 28 अपराधियों की फांसी सजा को बरकरार रखा कार्यकाल की समाप्ति के पहले मई महीने में भी प्रणब मुखर्जी ने रेप के दो मामलों में दोषियों को क्षमा करने से मना कर दिया एक मामला इंदौर का था और दूसरा पुणे का अपना पूरे कार्यकाल में प्रणब मुखर्जी ने चार दया याचिका पर फांसी को उम्रकैद में बदला ये बिहार में 1992 में अगड़ी जाति के 34 लोगों की हत्या के मामले में दोषी थे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2017 पर कृष्णा मोची, नन्हे लाल मोची वीर कुंवर पासवान और धर्मेन्द्र सिंह उर्फ धारु सिंह की फांसी की सजा को आजीवन कारावास की सजा में बदल दिया।
प्रणब मुखर्जी जीवन परिचय
भारत की आजादी के बाद 1950 में जब सविंधान लागु हुआ उसके बाद देश में राष्ट्रपति चुनाव होने लगा। सन् 2012 में 13वें राष्ट्रपति के रुप में महामहिम प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले मनमोहन सिंह के सरकार में वित्त मंत्री थे।
- पूरा नाम प्रणब मुखर्जी
- धर्म बंगाली
- जन्म 11 दिसंबर 1935
- जन्म स्थान पश्चिम बंगाल
- माता राजलक्ष्मी मुखर्जी
- पिता कामदा किंकर मुखर्जी
- विवाह सुर्वा मुखर्जी 1957
- बच्चे अभिजीत, बेटा
शर्मिष्ठा, बेटी, इन्द्रजीत बेटा
राष्ट्रपति प्रणब को किताबें लिखने, पढ़ने और बागवानी और संगीत का बहुत शौक हैं। प्रणब मुखर्जी ने कुछ, किताबें भी लिखी हैं।
- मिडटर्म पोल
- इमर्जिंग डाएमेंशन्स ऑफ इंडियन इकोनॉमी
- ऑफ द ट्रैक
- सागा ऑफ स्ट्रगल एंड सैकि्रफाइस
- चैलेंज बिफोर दी नेशन