नई दिल्ली : मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के लिए रवाना हो गए हैं। सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च रैंकिंग वाले अतिथि बनाया गया है।
जबकि इस अवसर पर चीन की ओर से वहां के सांस्कृतिक और पर्यटन मंत्री ही हिस्सा ले रहे हैं। आपको बता दें कि मालदीव में चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन को हराने के बाद सोलिह ने स्पष्ट कहा था कि वह इंडिया फर्स्ट पॉलिसी अपनाएंगे, जिसका असर इस अतिथि सूची पर भी नजर आ रहा है।
मोदी की मौजूदगी इस बात का संकेत होगी कि पिछले वर्षों में भारत और मालदीव के बीच बिगड़े संबंध अब सुधर रहे हैं। चीन की तरफ मालदीव का झुकाव भारत की कुछ प्रमुख चिंताओं में से एक रहा है। सोलिह की टीम चीन के लाखों डॉलर के निवेश की भी समीक्षा कर रही है।
ऐसे में अब भारत को मालदीव में अपने लिए एक मौका दिख रहा है। भारत ने सोलिह को आश्वस्त किया है कि वह किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार है। भारत ने कुछ साल पहले मालदीव को 75 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी थी।
अधिकारियों के मुताबिक संबंध खराब होने तक इसका केवल एक तिहाई ही इस्तेमाल हो पाया था। इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और मालदीव मॉनिटरी अथॉरिटी के बीच करंसी बदलने को लेकर भी समझौता है, जो वित्तीय स्थिरता में मदद कर सकती है।