तुर्की के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का आरोप अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने साऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर लगाया है। सीआईए का अनुमान है कि तुर्की के पत्रकार जमाल खशोगी को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर मारा गया। इस संबंध में सीआईए ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। इससे पहले सऊदी सरकार ने कहा था कि सलमान का इस घटना से कोई वास्ता नहीं है।
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वाशिंगटन पोस्ट ने सीआईए की रिपोर्ट को अज्ञात सूत्रों के हवाला देते हुए प्रकाशित किया है। रिपोर्ट के अनुसार खुफिया एजेंसी सबूतों और गवाहों के बयानों के बाद इस नतीजे पर पहुंची है। सलमान के भाई खालिद बिन सलमान और खशोगी के बीच फोन पर हुई बातचीत की भी जांच की गई। खालिद अमेरिका में सऊदी राजदूत हैं।रिपोर्ट के अनुसार खालिद ने ही खाशोगी से फोन पर कहा था कि वे इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास जाएं और अपनी शादी से संबंधित कागजी कार्यवाही पूरी कर लें। खालिद ने उनसे सुरक्षा का वादा भी किया था।मिली जानकारी के मुताबिक खालिद ने क्राउन प्रिंस के निर्देश पर ही खशोगी को फोन किया था।
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गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका ने खशोगी की हत्या में कथित रूप से शामिल रहे सऊदी के 17 नागरिकों पर गुरुवार को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। इनमें सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के करीबी सउद अल-कहतानी और सऊदी के राजनायिक जनरल मोहम्मद ओतैबी के नाम समलित हैं।
अमेरिकी राजस्व मंत्री स्टीवन न्यूकिन ने मामले पर बयान जारी कर कहा कि जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए वे सब खशोगी की हत्या में शामिल हैं।उनको अंजाम भुगतना पड़ेगा। ओतैबी के साथी माहेर मुतरेब पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। मुतरेब खशोगी के हत्या वाले दिन (2 अक्टूबर) को तुर्की में ही थे। उनके साथ 14 अन्य लोग 2 अक्टूबर को इस्तांबुल छोड़कर सऊदी लौट गए थे।
प्रतिबंधों के बाद कोई भी अमेरिकी नागरिक इन लोगों के साथ कारोबार में शामिल नहीं हो सकेगा।इससे पहले गुरुवार को सऊदी अरब के सरकारी वकील ने खशोगी की हत्या से जुड़े पांच अधिकारियों के लिए मौत की सजा की मांग की। हालांकि, क्राउन प्रिंस को मामले में क्लीनचिट दे दी गई थी। इस ऐलान के बाद ही अमेरिका ने प्रतिबंध का ऐलान किया।आपको बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी साफ कह चुके है कि पत्रकार की हत्या करने वालों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा था सऊदी अरब इस जांच में सहयोग करे। ट्रप ने कहा था कि पत्रकार की हत्या से वह बहुत दुखी है। पत्रकार खगोसी अमेरिका के वाशिगटन पोस्ट के लिए भी लिखते थे।