उत्तराखंड राज्य

सेवा नियमावली में संशोधन की मांग को लेकर फार्मासिस्टों ने किया विरोध

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देहरादून। फार्मासिस्ट सेवा नियमावली में संशोधन किये जाने के राज्य सरकार के निर्णय का बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्टों ने कड़ा विरोध किया है। इस मामले को लेकर उन्होंने सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। होम्योपैथिक बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट संघ की सोमवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि फार्मासिस्ट सेवा नियमावली में संशोधन कर नियुक्ति प्रक्रिया में वर्षवार मैरिट/वरीयता को समाप्त कर परीक्षा आयोजित कर नियुक्ति की जाती है तो इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।

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बता दें कि संघ के अध्यक्ष सौरभ रमोला ने कहा कि रिक्त पदों पर डिप्लोमा फार्मासिस्टों की नियुक्ति वर्षवार वरीयता के आधार पर होती है। सरकार अब फार्मासिस्ट सेवा नियमावली में संशोधन कर वर्षवार मैरिट के बजाय परीक्षा कराकर नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है। सरकार का यह निर्णय बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्टों के हित में नहीं है। कहा कि अन्य राज्यों में भी डिप्लोमा फार्मासिस्टों की नियुक्ति वर्षवार मैरिट के आधार पर होती है।

वहीं डिप्लोमा के बाद फिर परीक्षा आयोजित करना न्यायोचित नहीं है। कहा कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से ही फार्मेसी का डिप्लोमा किया जाता है। संघ के उपाध्यक्ष आशीष नेगी, महासचिव विपिन भंडारी, राधा नेगी, सोनम डोभाल, विजयपाल रावत, प्रमोद सेमवाल, पवन बिष्ट, रचना असवाल आदि बेरोजगार फार्मासिस्ट भी बैठक में उपस्थित रहे।

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