नई दिल्ली। गुजरात चुनाव जितना करीब आ रहा है। कांग्रेस को उतना ही बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है। कांग्रेस और पाटेदार के बीच आरक्षण को लेकर बात नहीं बन पाई है। इसी को लेकर देर रात 2 बजे तक पाटीदारों और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बीच बैठक हुई और दो-तीन दिनों में एक और बैठक को लेकर पाटीदार ऐलान कर सकते हैं। इस बीच खबर है कि कांग्रेस ने तीन फार्मुले भी पाटीदारों के सामने रखे हैं। कांग्रेस के प्रपोजल के मुताबिक पाटीदारों के लिए आरक्षण को एससी एसटी और ओबीसी के लिए जारी 49 प्रतिशत से अलग रखा गया है। पाटीदारों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे से आरक्षण को नकार दिया है।
बता दें कि पाटीदार नेताओं से बातचीत के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि पाटेदारों के साथ मुलाकात अच्छी रही। हमने उनकी बात सूनी और उन्होंने हमारी, हमारी बात करीब दो ढ़ाई घंटे तक बातचीत चली मेरा मानना है कि हमारे बीच जो भी बातचीत हुई वो काफी अच्छी रही। लेकिन अभी तक किसी फार्मुले पर चर्चा नहीं हुई उनका कहना है कि दो तीन दिन बाद बताएंगे।
वहीं आरक्षण को लेकर कानूनी दांव पेच कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने लिमिट तय की है कि आऱक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है। गुजरात में पहले से 49 फीसदी आरक्षण है जिसमें 27 फीसदी आरक्षण ओबीसी कोटे का है। इसलिए कांग्रेस राज्य में 20 % का एक और कोटा बनाने की बात कर रही है जो आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों यानी EBC को दिया जाएगा। पाटीदारों को इसी 20% में से आरक्षण देने का वादा भी किया जा रहा है जो कि हार्दिक को नामंजूर है। क्योंकि गुजरात की बीजेपी सरकार ने पिछले साल अप्रैल EBC को नौकरियों और एडमिशन में 10 फीसदी आरक्षण दिया था, जिसे 4 महीने बाद ही गुजरात हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था।