सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल में कोर्ट परिसर बना कर अदालत बैठाई गई। राम रहीम को 10 साल की सजा और 65 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। राम रहीम को 25 अगस्त को यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया गया था। वही सजा सुनाए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने सिरसा के फुल्का गांव में आगजनी मचाने की कोशिश की।
डेरा समर्थकों ने सजा सुनाए जाने के बाद दो गाड़ियों में आग लगा दी। लेकिन जानकारी आई है कि डेरा प्रेमियों ने अपनी ही गाड़ियों में आग लगाई है। ऐसा उन्होंने हिंसा का फैलान के लिए किया। दो गाड़ियों में आग लगाने की सूचना कोर्ट को भी दी गई। लेकिन देखने वाली बात यह है कि 25 अगस्त को राम रहीम को दोषी पाए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने खूब हंगामा किया था। पंचकूला में सबसे ज्यादा हिंसा देखी गई थी। लेकिन देखने वाली बात यह है कि सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम फर्श पर बैठ गया और रोने लग गया। वह जज से रहम की भीख मांगने लग गया था।
राम रहीम के वकील ने कोर्ट को बताया कि राम रहीम ने कई सारे सामाजिक काम किया है। इसके साथ ही वकील ने डेरा प्रमुख की जेल को भी बदलने की मांग की। लेकिन जज ने कहा कि कहा है कि राम रहीम को अन्य कैदियों जैसा ही खाना और जेल में डाला जाएगा। हालांकि राम रहीम के पास अपनी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का विकल्प बचा हुआ है। राम रहीम पर सजा सुनाए जाने के दौरान उसकी आंखों में आंसू दिखाई दे रहे थे और वह जज से माफी की गुहार लगा रहा था। लेकिन सजा सुनाने के बाद भी उसकी मांगे खत्म नहीं हुई।
दरअसल सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम का कहना है कि उसे जेल का खाना अच्छा नहीं लगता इसलिए उसके लिए दूसरे खाने की व्यवस्था की जाए, इसके साथ ही उसने जेल परिसर से निकलते वक्त उसने चाय की भी डिमांड की थी। जिसके बाद जज जगदीप सिंह ने कहा कि राम रहीम के साथ अन्य कैदियों जैसा ही व्यवहार किया जाएगा और उसे जेल का खाना ही खाना होगा।